नई दिल्ली, 3 सितंबर 2024: राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने मंगलवार को छत्तीसगढ़ के नारायणपुर जिले में कई स्थानों पर छापेमारी की, जो मार्च 2023 में सीपीआई (माओवादी) द्वारा की गई सड़क नाकाबंदी से संबंधित है। यह छापेमारी एक विशेष मामले के तहत की गई, जिसमें कुल 35 आरोपियों को नामित किया गया है।
20 मार्च 2023 को, सीपीआई (माओवादी) के कार्यकर्ताओं और समर्थकों ने नारायणपुर-ओरछा मुख्य सड़क को अवरुद्ध कर दिया था। उन्होंने सड़क के विभिन्न हिस्सों को खोदकर, पेड़ों को काटकर और बड़ी-बड़ी चट्टानें डालकर इस सड़क को अवरुद्ध किया। नाकाबंदी का उद्देश्य पुलिस दलों पर हमला करना और उनके हथियार लूटना था।
एनआईए की जांच में कुछ संदिग्धों के नाम सामने आए हैं, जिन पर माओवादी संगठन के अग्रणी समूह, माड़ बचाओ मंच, से जुड़ने का संदेह है। यह मंच माओवादी विचारधारा के प्रचार-प्रसार और उनकी गतिविधियों में रसद सहायता प्रदान करने के लिए जाना जाता है। लखमा राम उर्फ लखमा कोर्रम, जो कि माड़ बचाओ मंच का नेता था, इस मामले में प्रमुख आरोपित माओवादी है।
तलाशी के दौरान, एनआईए ने नारायणपुर जिले के कस्तूरमेटा, मदाली और मल्कल गांवों में संदिग्धों के परिसरों की जांच की। ये क्षेत्र सीपीआई (माओवादी) के माड डिवीजन के अंतर्गत आते हैं और माओवादी गतिविधियों से प्रभावित हैं। एनआईए ने इस कार्रवाई में फ्रंटल संगठन के चार संदिग्ध सदस्यों को भी निशाना बनाया।
मामले की जांच अभी भी जारी है, और एनआईए ने आगे की जांच के लिए कई अन्य स्थानों पर भी छापेमारी की योजना बनाई है।