पुलिस ने नियमित चेकिंग के दौरान इन दोनों को पकड़ा। पूछताछ में सामने आया कि दोनों आरोपी सागौन लकड़ियों को चोरी-छिपे विभिन्न स्थानों से इकट्ठा कर जिला मुख्यालय नारायणपुर के बढ़ई (कारपेंटर) वर्ग को ऊँचे दामों पर बेचते थे।
तस्करी में प्रयुक्त पिकअप वाहन को भी पुलिस ने जब्त कर लिया है। प्रारंभिक जांच पश्चात वन अधिनियम की धारा 52(2) के अंतर्गत आवश्यक कार्रवाई हेतु संपूर्ण मामला वन विभाग को सौंप दिया गया है।
थाना प्रभारी कुरुषनार ने बताया कि तस्करी और अवैध वनोपज की खरीद-फरोख्त पर निगरानी रखी जा रही है और भविष्य में भी ऐसी कार्रवाइयाँ जारी रहेंगी। स्थानीय लोगों से भी अपील की गई है कि वे इस प्रकार की गतिविधियों की सूचना तत्काल पुलिस या वन विभाग को दें।
वन संपदा की रक्षा में जुटी पुलिस
इस कार्रवाई को लेकर वन विभाग और स्थानीय प्रशासन ने पुलिस की तत्परता की सराहना की है। अधिकारियों का कहना है कि सागौन जैसी कीमती वनसंपदा की अवैध कटाई और तस्करी पर लगाम लगाने के लिए समाज की सहभागिता भी आवश्यक है।