नारायणपुर

पालकी ग्राम में कृषि सूचना केंद्र में आधुनिक तकनीक का संगम

किसान गोष्ठी व प्रदर्शनी में ग्रामीणों ने दिखाई गहरी रुचि

पालकी /नारायणपुर। लिंगो मुदियाल कृषि महाविद्यालय एवं अनुसंधान केंद्र, केरलापाल के रावे विद्यार्थियों द्वारा मंगलवार को पालकी ग्राम में कृषि सूचना केंद्र पर आयोजित किसान गोष्ठी एवं कृषि प्रदर्शनी ने किसानों को आधुनिक कृषि तकनीकों से रूबरू कराया। कार्यक्रम में सैकड़ों किसान पहुंचे और विशेषज्ञों से सीधे संवाद कर लाभ उठाया।

गोष्ठी में प्राध्यापक डॉ. नवीन मरकाम ने नारायणपुर की फसल विविधता, उन्नत किस्मों के चयन और नई तकनीकों को अपनाने की आवश्यकता पर जोर देते हुए कहा कि आधुनिक खेती ही किसानों की आय बढ़ाने का सबसे प्रभावी माध्यम है।

कार्यक्रम समन्वयक डॉ. देवेंद्र कुर्रे ने कृषि नवाचार और उद्यमिता को ग्रामीण कृषि में परिवर्तन का मार्ग बताया।
डॉ. पुष्पेंद्र सिंह ने जैविक खेती, संरक्षित खेती तथा फल–सब्जी के मूल्य संवर्धन से जुड़े महत्वपूर्ण बिंदुओं पर किसानों को जानकारी दी।
कीट वैज्ञानिक डॉ. सविता आदित्य ने फसलों में लगने वाले प्रमुख कीटों की पहचान और नियंत्रण तकनीकों को सरल भाषा में समझाया तथा किसानों को लाख उत्पादन के अवसरों से अवगत कराया।
डॉ. नवनीत ध्रुवे ने कृषि यंत्रों के उपयोग एवं लाभ बताए, वहीं राज सिंह सेंगर ने मृदा परीक्षण और प्राकृतिक खेती के महत्व पर प्रकाश डाला।
डॉ. मदन लाल कुर्रे ने किसानों को ‘भुइयां के देवता’ बताते हुए कहा कि कृषि का मूल आधार किसान ही हैं और तकनीक उन्हीं के लिए उपयोगी बनाई जा रही है।

कार्यक्रम का मंच संचालन रावे छात्र–छात्रा धनीराम मौर्य एवं प्रीति सांगीले ने किया। अंत में आभार प्रीति सांगीले ने व्यक्त किया।

इस सफल आयोजन का श्रेय महाविद्यालय की अधिष्ठाता डॉ. रत्ना नशीने के निर्देशन को दिया गया। कार्यक्रम में सभी प्राध्यापकों—डॉ. मदन लाल कुर्रे, डॉ. नवीन मरकाम, डॉ. देवेंद्र कुर्रे, डॉ. पुष्पेंद्र सिंह, डॉ. सविता आदित्य, डॉ. नवनीत ध्रुवे और राज सिंह सेंगर—ने सक्रिय भूमिका निभाई।

कार्यक्रम में बिंजली ग्राम पंचायत की सरपंच गोमती कुमेटी, जनपद सदस्य राकेश कावड़े, तथा भारतीय किसान संघ के जिला मंत्री दुग्गा मुख्य अतिथि के रूप में मौजूद रहे। उन्होंने विद्यार्थियों द्वारा तैयार मॉडलों का अवलोकन कर उनकी रचनात्मकता की सराहना की।

प्रदर्शनी में ग्रीन हाउस तकनीक, नवीनकरणीय ऊर्जा मॉडल, जैविक खेती, उन्नत सिंचाई प्रणाली, फसल विविधता, टिशू कल्चर, समन्वित कृषि प्रणाली तथा मूल्य संवर्धन तकनीक से जुड़े मॉडलों ने किसानों का ध्यान खूब आकर्षित किया। विशेषज्ञों ने प्रत्येक मॉडल को सरल भाषा में समझाते हुए किसानों के प्रश्नों के उत्तर दिए।

अतिथियों ने कहा कि इस प्रकार की पहलें किसानों को नई तकनीक अपनाने के लिए प्रेरित करती हैं और कृषि उत्पादन में वृद्धि का मार्ग प्रशस्त करती हैं। ग्रामीणों और किसानों ने भी प्रदर्शनी को कृषि विकास की दिशा में महत्वपूर्ण कदम बताया।

Byline:

कुनाल अग्रवाल एवं ग्रुप पालकी
विशेष संवाददाता

अबूझमाड़ लाइव न्यूज़

अबूझमाड़ लाइव न्यूज़ पक्ष पर विपक्ष पर हर एक पक्ष पर निष्पक्ष बेबाक एवं धारदार पत्रकारिता के लिए संकल्पित है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button

You cannot copy content of this page