

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि स्वामी व्याप्तानंद महाराज, सचिव, रामकृष्ण मिशन आश्रम ने 400 मीटर दौड़ प्रतियोगिता के प्रतिभागियों से परिचय प्राप्त कर आयोजन का शुभारंभ किया। आयोजन की अध्यक्षता जिला एथलेटिक्स संघ अध्यक्ष अनिल खोबरागड़े ने की। इस अवसर पर प्राचार्य स्वामी भावानताका नंद, मुक्तियानंद महाराज, ब्रह्मचारी जनार्दन चैतन्य, संघ के सचिव नरेंद्र मेश्राम सहित अन्य गणमान्यजन उपस्थित रहे।
दौड़, लंबी कूद, खो-खो और मलखंभ में दिखा खिलाड़ियों का उत्साह
प्रतियोगिता के दौरान एथलेटिक्स की विभिन्न स्पर्धाएं आयोजित की गईं।
400 मीटर दौड़ (बालक वर्ग) में अनिकेत ने पहला, मानू ने दूसरा स्थान प्राप्त किया, जबकि बालिका वर्ग में अनुप्रभा प्रथम और रायनती द्वितीय रहीं।
लंबी कूद (बालक वर्ग) में अनिकेत ने पुनः प्रथम स्थान हासिल किया, गुड्डू राम द्वितीय और दीपक कुमेटी तृतीय रहे।
बालिका वर्ग में बसंती ने लंबी कूद में पहला स्थान प्राप्त किया।
खो-खो और मलखंभ जैसे पारंपरिक खेलों ने भी आयोजन को खास बनाया और प्रतिभागियों ने शानदार प्रदर्शन कर दर्शकों का मन मोहा।
विजयी खिलाड़ियों को किया गया सम्मानित
समापन अवसर पर मुख्य अतिथि स्वामी व्याप्तानंद महाराज और संघ अध्यक्ष अनिल खोबरागड़े द्वारा विजयी प्रतिभागियों को पुरस्कार देकर सम्मानित किया गया। इसके साथ ही विवेकानंद विद्यापीठ, रामकृष्ण मिशन आश्रम की ओर से भी सभी प्रतिभागियों को पुरस्कृत किया गया।
शासन खेलों के प्रति सजग, योजनाबद्ध विकास जारी
इस अवसर पर जिला खेल संघ के अध्यक्ष अनिल खोबरागड़े ने कहा कि छत्तीसगढ़ शासन खेलों के सर्वांगीण विकास के लिए सतत प्रयत्नशील है। मुख्यमंत्री एवं छत्तीसगढ़ ओलंपिक संघ के अध्यक्ष श्री विष्णुदेव साय और महासचिव डॉ. विक्रम सिसोदिया के नेतृत्व में प्रदेश में खेल आधारभूत ढांचे को सशक्त किया जा रहा है। नए खेल मैदानों के निर्माण से लेकर खेल संघों को आवश्यक संसाधनों की पूर्ति सुनिश्चित की जा रही है।
शिक्षा के साथ खेलों का भी महत्व
स्वामी व्याप्तानंद महाराज ने अपने संबोधन में कहा कि शिक्षा के साथ खेलों का संतुलित समावेश छात्रों के समग्र विकास के लिए आवश्यक है। रामकृष्ण मिशन आश्रम में फुटबॉल, मलखंभ, एथलेटिक्स, वॉलीबॉल, बैडमिंटन आदि खेलों को बढ़ावा दिया जा रहा है।
प्रशिक्षकों का रहा सराहनीय योगदान
खेल प्रतियोगिताओं के सफल आयोजन में एस.एल. यादव, तुषार कांति, लोचन सिंह, नवीन द्विवेदी, तोहीन लम्हा, विपिन द्विवेदी, ललिता नायक और सीमा बैरागी जैसे प्रशिक्षकों का विशेष सहयोग रहा।
नारायणपुर में आयोजित यह आयोजन केवल खेल प्रतियोगिता नहीं, बल्कि नई खेल प्रतिभाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत बना। ओलंपिक मूल्यों को जीवंत करते हुए यह आयोजन छत्तीसगढ़ के खेल विकास की प्रतिबद्धता का सशक्त उदाहरण बनकर उभरा।