माड़ बचाओ अभियान के तहत पुनर्वास नीति बनी आत्मसमर्पण की प्रेरणा, 2025 में अब तक 97 नक्सली सरेंडर
नारायणपुर, 19 अप्रैल 2025।
जिला नारायणपुर में सुरक्षा बलों की लगातार मुहिम और छत्तीसगढ़ शासन की प्रभावी नक्सल उन्मूलन एवं पुनर्वास नीति के तहत शुक्रवार को माओवादियों को एक और बड़ा झटका लगा है। जोन डॉक्टर डिप्टी कमांडर व एलओएस सदस्य समेत कुल 5 माओवादियों ने आत्मसमर्पण कर समाज की मुख्यधारा से जुड़ने की शपथ ली। ये सभी कुतुल और इन्द्रावती एरिया कमेटी के अंतर्गत सक्रिय थे।
आत्मसमर्पण करने वालों में प्रमुख रूप से शामिल हैं:
- दसरी ध्रुव (जोन डॉक्टर, डिप्टी कमांडर) — ₹2 लाख का इनामी
- छन्नू गोटा (नेलनार एलओएस सदस्य) — ₹1 लाख का इनामी
- ज्योति वड्डे उर्फ कुटके (जनमिलिशिया सदस्य) — ₹1 लाख का इनामी
- सीता वड्डे (इन्द्रावती एलओएस सदस्य) — ₹1 लाख का इनामी
- इरपे उर्फ सुनीता वड्डे (इन्द्रावती एलओएस सदस्य) — ₹1 लाख का इनामी
सुरक्षा बलों का साझा प्रयास
इस आत्मसमर्पण कार्यक्रम का आयोजन पुलिस अधीक्षक प्रभात कुमार (भा.पु.से.) की अगुवाई में हुआ, जिसमें आईटीबीपी, बीएसएफ और एसटीएफ की संयुक्त टीमों की महत्वपूर्ण भूमिका रही। पुलिस महानिरीक्षक सुन्दरराज पी., डीआईजी अमित तुकाराम कांबले, 41वीं, 29वीं, 45वीं व 53वीं वाहिनी आईटीबीपी तथा 133वीं, 135वीं वाहिनी बीएसएफ के वरिष्ठ अधिकारियों के मार्गदर्शन में माड़ बचाओ अभियान के अंतर्गत यह कार्रवाई की गई।
माओवादियों को मिली प्रोत्साहन राशि व सुविधाएं
आत्मसमर्पण करने वाले सभी माओवादियों को सरकार की नीति के तहत ₹50,000 की प्रोत्साहन राशि का चेक प्रदान किया गया और उन्हें पुनर्वास नीति के तहत सभी सुविधाएं प्रदान की जाएंगी।
आत्मसमर्पण की वजह — विकास और मोहभंग
पुलिस अधीक्षक प्रभात कुमार ने बताया कि क्षेत्र में तेजी से हो रहे विकास, सड़क निर्माण, मूलभूत सुविधाएं, और माओवादी संगठन की आंतरिक कलह एवं भ्रामक विचारधारा से मोहभंग आत्मसमर्पण के प्रमुख कारण रहे। उन्होंने कहा कि माओवादी हिंसा से पीड़ित स्थानीय आदिवासियों ने अब शांति और विकास का मार्ग चुना है।
भविष्य में और आत्मसमर्पण की संभावना
प्रशासन के पास गोपनीय सूचना है कि आने वाले समय में और भी माओवादी संगठन छोड़कर आत्मसमर्पण की तैयारी में हैं। 2025 में अब तक नारायणपुर जिले में कुल 97 छोटे-बड़े माओवादी आत्मसमर्पण कर चुके हैं, जो इस अभियान की सफलता का प्रमाण है।
एसपी की अपील
“सरकार की पुनर्वास नीति ने माओवादियों को एक नई उम्मीद दी है। अब समय है कि माओवादी विचारधारा से भटके लोग वापस आएं और माड़ को उसके असली निवासियों को सौंपें,” — एसपी प्रभात कुमार।