Wednesday, April 16, 2025

धुर नक्सल प्रभावित कांडुलपार में पुलिस कैंप खुलते ही 5 माओवादियों का आत्मसमर्पण

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धुर नक्सल प्रभावित कांडुलपार में पुलिस कैंप खुलते ही 5 माओवादियों का आत्मसमर्पण, समाज की मुख्यधारा में लौटने का लिया संकल्प…

माड़ बचाओ अभियान की बड़ी सफलता, अब तक 2025 में 92 नक्सलियों ने किया आत्मसमर्पण…

नारायणपुर, 11 अप्रैल 2025:
छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित जिले नारायणपुर में नक्सल उन्मूलन की दिशा में एक और बड़ी सफलता मिली है। धुर अंदरूनी क्षेत्र कांडुलपार में नवीन पुलिस कैंप की स्थापना के साथ ही 5 सक्रिय माओवादियों ने आत्मसमर्पण कर समाज की मुख्यधारा से जुड़ने का संकल्प लिया।

आत्मसमर्पित माओवादी, परलकोट LOS और कुतुल एरिया कमेटी के अंतर्गत लंबे समय से सक्रिय थे। इनमें जनताना सरकार के अध्यक्ष, डी.के.एम.एस अध्यक्ष समेत अन्य सदस्य शामिल हैं। इन सभी ने भरमार हथियार व आईईडी में उपयोग होने वाले कुकर के साथ पुलिस अधीक्षक प्रभात कुमार (भा.पु.से.) एवं अधिकारियों के समक्ष आत्मसमर्पण किया।

आत्मसमर्पित माओवादी—नाम व पद:

  1. लिमचु वड़दा – जनताना सरकार अध्यक्ष (इनामी 1 लाख)
  2. सुक्कू नुरेटी – डीकेएमएस अध्यक्ष (इनामी 2 लाख)
  3. कृष्णा नुरेटी – मिलिशिया सदस्य
  4. लालू राम मंडावी – सरकार सदस्य
  5. कटियाराम मंडावी – नक्सल सहयोगी

सरकार की पुनर्वास नीति का असर
सरकार की “नियद नेल्लानार” योजना, पुनर्वास नीति और विकास कार्यों के व्यापक प्रचार-प्रसार से प्रभावित होकर इन माओवादियों ने आत्मसमर्पण किया। उन्हें 50-50 हजार रुपए की प्रोत्साहन राशि के चेक भी प्रदान किए गए और नक्सल उन्मूलन नीति के तहत सभी सुविधाएं मुहैया कराई जाएंगी।

2025 में अब तक 92 नक्सली आत्मसमर्पण कर चुके
नारायणपुर जिले में वर्ष 2025 के शुरुआती महीनों में ही 92 बड़े व छोटे कैडर के माओवादी आत्मसमर्पण कर चुके हैं, जो शासन और सुरक्षा बलों की बड़ी उपलब्धि मानी जा रही है।

नक्सली हिंसा से मोहभंग, विकास से नई उम्मीद
तेजी से बनती सड़कों, सरकारी योजनाओं की पहुंच और संगठन के भीतर के मतभेदों से हताश होकर माओवादी अब मुख्यधारा में लौट रहे हैं। स्थानीय आदिवासी समुदाय के ऊपर हो रहे शोषण, अत्याचार और बाहरी माओवादियों के भेदभाव से तंग आकर ये लोग समाज में वापस लौटने का रास्ता चुन रहे हैं।

पुलिस और सुरक्षा बलों की अहम भूमिका
आत्मसमर्पण कराने में नारायणपुर पुलिस, आईटीबीपी, बीएसएफ, एसटीएफ की संयुक्त रणनीति और “माड़ बचाओ अभियान” की बड़ी भूमिका रही है।
इस पूरी प्रक्रिया का संचालन पुलिस महानिरीक्षक  सुंदरराज पी., डीआईजी  अमित तुकाराम कांबले, एसपी  प्रभात कुमार सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के मार्गदर्शन में किया गया।

एसपी प्रभात कुमार का संदेश
एसपी प्रभात कुमार ने कहा, “सरकार की पुनर्वास नीति, रोजगार, आवास और शिक्षा ने नक्सलियों को नई राह दिखाई है। हम अन्य नक्सलियों से भी अपील करते हैं कि वे भटकी हुई राह छोड़कर माड़ और समाज की भलाई के लिए मुख्यधारा में लौट आएं। अब माड़ को उसके असली निवासियों को लौटाने का समय है।”

आशा जताई जा रही है कि आने वाले दिनों में और भी माओवादी आत्मसमर्पण कर इस अभियान को मजबूती देंगे और नक्सल मुक्त माड़ का सपना साकार होगा।

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