नारायणपुर, 28 नवम्बर 2024 – जिले के छोटे से गांव रोहताड़ में लंबे समय से पानी की गंभीर समस्या का सामना किया जा रहा था। यहाँ के लोग दूषित जल और पानी की भारी कमी से परेशान थे, जिससे उनका स्वास्थ्य और जीवन स्तर प्रभावित हो रहा था। महिलाएँ रोज़ाना घंटों पानी लाने के लिए पैदल चलती थीं और खराब पानी के कारण बीमारियाँ भी बढ़ती थीं।
लेकिन 2019 में सरकार द्वारा शुरू किए गए जल जीवन मिशन ने इस गांव के लोगों के लिए एक नई आशा जगा दी। इस मिशन के तहत, हर घर तक शुद्ध पेयजल पहुंचाने का लक्ष्य तय किया गया था, और रोहताड़ भी इस योजना का हिस्सा बना। स्थानीय अधिकारियों और जल जीवन मिशन की टीम ने गांव के जलस्रोतों का निरीक्षण कर एक विस्तृत योजना बनाई। इसके अंतर्गत, 10 हजार लीटर क्षमता वाली तीन सोलर टंकियाँ स्थापित की गईं, जो सौर ऊर्जा से संचालित होती हैं। इन टंकियों में पानी लाकर उसे शुद्ध किया जाता है और फिर 2,900 मीटर लंबी पाइपलाइन के माध्यम से गांव के प्रत्येक घर तक पानी पहुंचाया जाता है।
अब, रोहताड़ के लोगों के लिए यह किसी सपने के सच होने जैसा है। खासकर बच्चों की पढ़ाई में भी सुधार आया है, क्योंकि उन्हें पानी लाने के काम में अब मदद नहीं करनी पड़ती। गांव के बुजुर्ग महिलाओं का कहना है कि उन्होंने कभी नहीं सोचा था कि उनके जीवन में ऐसा दिन आएगा, जब उनके घर में नल से शुद्ध पानी मिलेगा।
गांव के मुखिया ने जल जीवन मिशन के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा कि यह मिशन ग्रामीणों के लिए एक वरदान साबित हो रहा है। साफ पानी मिलने से गांव में बीमारियाँ कम हुई हैं और लोगों के स्वास्थ्य में भी सुधार आया है। पहले जहां दूषित पानी के कारण पेट संबंधी समस्याएँ और जलजनित रोग आम थे, अब लोग स्वस्थ महसूस कर रहे हैं। यह बदलाव केवल शारीरिक रूप से ही नहीं, बल्कि मानसिक रूप से भी ग्रामीणों के लिए राहत का कारण बना है।
रोहताड़ गांव की यह कहानी जल जीवन मिशन की सफलता का प्रतीक है, जो न केवल शुद्ध पानी उपलब्ध कराता है, बल्कि ग्रामीणों को स्वाभिमान और आत्मनिर्भरता का अनुभव भी कराता है। अब रोहताड़ के हर घर में शुद्ध पेयजल उपलब्ध है, और गांव की महिलाओं के चेहरों पर संतोष और खुशी की मुस्कान दिखाई दे रही है।