माओवादी संगठन को बड़ा झटका: सुरक्षा बलों व पुलिस के बढ़ते दबाव और विकास कार्यों से प्रभावित होकर छोड़ी हिंसा की राह…
नारायणपुर/12 जून 2025।
जिले में नक्सल उन्मूलन अभियान को एक और बड़ी सफलता हाथ लगी है। पूर्व बस्तर डिवीजन अंतर्गत कंपनी-6 में सक्रिय सीवाईपीसी रैंक का एक पुरुष माओवादी ने पुलिस और सीआरपीएफ अधिकारियों के समक्ष आत्मसमर्पण कर मुख्यधारा में लौटने की शपथ ली। आत्मसमर्पण करने वाला माओवादी भीमा उर्फ ढोलू उर्फ दिनेश पोड़ियाम, पिता स्व. दुला, उम्र 40 वर्ष, निवासी तोण्डामरका, थाना किस्टाराम, जिला सुकमा (छत्तीसगढ़) है, जिस पर ₹10 लाख का इनाम घोषित था।
आईजी बस्तर पी. सुंदरराज, आईजी सीआरपीएफ राकेश अग्रवाल, पुलिस अधीक्षक नारायणपुर प्रभात कुमार (भा.पु.से.), कमांडेंट 195 वाहिनी सीआरपीएफ राजीव कुमार, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक रोबिनसन गुड़िया, डीएसपी मनोज मण्डावी की उपस्थिति में आत्मसमर्पण की प्रक्रिया पूरी की गई। माओवादी ने बिना हथियार के आत्मसमर्पण किया और उसे ₹50,000 की प्रोत्साहन राशि का चेक भी सौंपा गया।
पुलिस सूत्रों के अनुसार, आत्मसमर्पण करने वाला माओवादी लंबे समय से संगठन में सक्रिय रूप से कार्यरत था। परंतु पुलिस और अर्धसैनिक बलों द्वारा लगातार स्थापित किए जा रहे कैम्प, तेजी से हो रहा सड़क निर्माण, गांवों तक पहुंच रही शासन की योजनाएं, और संगठन के अंदरूनी मतभेदों से उपजी निराशा ने उसे आत्मसमर्पण के लिए प्रेरित किया।
एसपी प्रभात कुमार ने इस मौके पर कहा, “राज्य सरकार की पुनर्वास नीति, रोजगार, मकान और सुरक्षा जैसी सुविधाएं माओवादियों को मुख्यधारा में लौटने के लिए प्रेरित कर रही हैं। माड़ बचाओ अभियान और लगातार हो रहे विकास कार्यों ने यह संदेश दिया है कि हिंसा का मार्ग छोड़कर भी एक सुरक्षित और सम्मानजनक जीवन संभव है।”
अब तक इस वर्ष कुल 104 माओवादी कैडर छोटे-बड़े पदों से इस्तीफा देकर आत्मसमर्पण कर चुके हैं, जिससे माओवादी संगठन की शीर्ष संरचना को भारी नुकसान पहुंचा है। पुलिस के पास यह भी गोपनीय सूचना है कि आगामी दिनों में और भी माओवादी आत्मसमर्पण की तैयारी में हैं।
भीमा पोड़ियाम जैसे बड़े इनामी नक्सली का आत्मसमर्पण नक्सल मुक्त माड़ की ओर एक और ठोस कदम है। अधिकारियों ने सभी भटके हुए माओवादी युवाओं से मुख्यधारा में लौटने और भ्रामक विचारधाराओं से मुक्त होने की अपील की है।
(संवाददाता, नारायणपुर)