अबूझमाड़ में ऐतिहासिक मुठभेड़: माओवादी महासचिव बसवराज मारा गया, 27 नक्सली ढेर…
घना जंगल बना रणक्षेत्र, सुरक्षाबलों को मिली बड़ी कामयाबी, एक करोड़ का इनामी नक्सली ढेर
नारायणपुर। छत्तीसगढ़ के दुर्गम अबूझमाड़ क्षेत्र में सुरक्षाबलों और माओवादियों के बीच बुधवार (21 मई) को हुई ऐतिहासिक मुठभेड़ में देश को बड़ी सफलता मिली है। इस कार्रवाई में प्रतिबंधित संगठन CPI (माओवादी) के महासचिव और शीर्ष नेता नम्बाला केशव राव उर्फ बसवराज को सुरक्षाबलों ने ढेर कर दिया। इसके साथ ही कुल 27 माओवादी मारे गए हैं। घटनास्थल से बड़ी संख्या में हथियार और गोला-बारूद बरामद किया गया है।
सुरक्षाबलों का संयुक्त अभियान
इस निर्णायक ऑपरेशन को अंजाम देने के लिए नारायणपुर, बीजापुर, दंतेवाड़ा और कोंडागांव जिलों की डीआरजी (जिला रिजर्व गार्ड) टीमों को संयुक्त रूप से तैनात किया गया था। 18 मई को शुरू हुए इस अभियान की अगुवाई विशेष खुफिया जानकारी के आधार पर की गई थी। मुठभेड़ 21 मई की सुबह अबूझमाड़ के जाटलूर-कुड़मेल के जंगल क्षेत्र में हुई, जहां माओवादियों ने अचानक गोलीबारी शुरू कर दी। जवाबी कार्रवाई में सुरक्षा बलों ने 27 नक्सलियों को मार गिराया।
मार गिराया गया देश का सबसे वांछित नक्सली
मारे गए माओवादियों में CPI (माओवादी) महासचिव नम्बाला केशव राव उर्फ बसवराज उर्फ बीआर दादा उर्फ गंगन्ना भी शामिल है। बसवराज पर छत्तीसगढ़ सरकार ने ₹1 करोड़ का इनाम घोषित कर रखा था। साथ ही अन्य राज्यों और केंद्रीय एजेंसियों द्वारा भी उस पर इनाम घोषित था।
बरामद हुए घातक हथियार
सुरक्षाबलों को तलाशी अभियान के दौरान भारी मात्रा में हथियार भी मिले, जिनमें AK-47 (03), SLR (04), INSAS (06), .303 राइफल (06), कार्बाइन (01), BGL लॉन्चर (01), सुरखा रॉकेट लॉन्चर (02), 12 बोर (02), देसी पिस्तौल (01) और भरमार बंदूक (02) शामिल हैं। साथ ही भारी मात्रा में गोला-बारूद और माओवादी साहित्य भी जब्त किया गया।
बसवराज कौन था?
- पूरा नाम: नम्बाला केशव राव
- उपनाम: बसवराज, गंगन्ना, प्रकाश, कृष्णा आदि
- जन्म: जिला श्रीकाकुलम, आंध्र प्रदेश
- शिक्षा: रासायनिक अभियांत्रिकी में बी.टेक (NIT वारंगल)
- उम्र: लगभग 70 वर्ष
- वर्तमान पद: महासचिव, CPI (माओवादी) (10 नवंबर 2018 से)
- अन्य भूमिकाएं: केंद्रीय समिति सदस्य, पोलित ब्यूरो सदस्य, केंद्रीय सैन्य आयोग प्रमुख
बसवराज माओवादी संगठन की सैन्य शाखा PLGA के निर्माण और संचालन में मुख्य रणनीतिकार माना जाता था। वह गुरिल्ला युद्ध, विस्फोटकों और पुलिस पर हमलों की साजिशों का मास्टरमाइंड था।
उसके नेतृत्व में हुए बड़े हमले
- 2004: कोरापुट शस्त्रागार लूट – 1,000 से अधिक हथियार चोरी
- 2005: जहानाबाद जेल ब्रेक – 389 कैदी फरार
- 2010: दंतेवाड़ा हमला – 76 CRPF जवान शहीद
- 2013: झीरम घाटी हमला – 27 मौतें, जिनमें कई वरिष्ठ कांग्रेस नेता
- 2018: आंध्र विधायक किदारी सर्वेश्वर राव की हत्या
अबूझमाड़ का माओवादी नेटवर्क टूटा
अबूझमाड़ का करीब 5000 वर्ग किमी का क्षेत्र जो नारायणपुर, बीजापुर, कांकेर और दंतेवाड़ा जिलों में फैला है, वर्षों से माओवादियों का गढ़ बना हुआ था। दुर्गम भू-भाग, घने जंगल और सुरक्षा विहीनता के कारण यह इलाका माओवादी दस्तों का सुरक्षित ठिकाना रहा है। लेकिन बीते ढाई वर्षों में लगातार सुरक्षा शिविरों की स्थापना और आक्रामक अभियानों से माओवादियों का नेटवर्क कमजोर हुआ है।
CPI (माओवादी) को करारा झटका
विशेष अभियान से CPI (माओवादी) को बड़ा झटका लगा है। मारे गए 27 माओवादियों में:
- 1 महासचिव / पोलित ब्यूरो सदस्य
- 1 DKSZCM
- 4 CYPCM
- 3 PPCM
- 18 PLGA कंपनी-7 सदस्य
इन पर कुल ₹3.33 करोड़ का इनाम था। मारे गए माओवादियों में 2 आंध्र प्रदेश और 3 तेलंगाना से थे।
देखें तस्वीर…
राज्य सरकार और सुरक्षा बलों की प्रतिक्रिया
राज्य सरकार ने सुरक्षाबलों की बहादुरी की सराहना की है। पुलिस विभाग के अनुसार, यह माओवादी आंदोलन के खिलाफ अब तक की सबसे बड़ी सफलता में से एक है। अभियान से क्षेत्र में स्थायी शांति स्थापना और विकास कार्यों के मार्ग प्रशस्त होंगे।