युवा शक्ति से होगा विकसित भारत का निर्माण : केदार कश्यप
विष्णुदेव साय सरकार का युवाओं के लिए बड़ा कदम, चार अहम एमओयू से खुलेगा रोजगार और स्वालम्बन का रास्ता
बस्तर सहित पूरे प्रदेश को मिलेगा लाभ, तकनीकी कौशल से सशक्त होंगे जनजातीय युवा
नारायणपुर।
मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय की अगुवाई में छत्तीसगढ़ सरकार ने युवाओं, महिलाओं और जनजातीय समुदायों के कौशल विकास एवं आजीविका संवर्धन को लेकर नई नीति दिशा तय कर दी है। राज्य स्तर पर आयोजित कार्यशाला में मुख्यमंत्री द्वारा चार महत्वपूर्ण एमओयू पर हस्ताक्षर किए गए, जिसे लेकर राज्य के वन एवं कौशल विकास मंत्री श्री केदार कश्यप ने इसे ‘विकसित भारत के निर्माण की आधारशिला’ बताया।
मंत्री कश्यप ने कहा कि— “छत्तीसगढ़ नवयुवकों का राज्य है। रोजगार और आत्मनिर्भरता की दिशा में हमारी साय सरकार जो कदम उठा रही है, वह युवाओं को कौशलयुक्त बना कर उन्हें सक्षम और स्वालंबी बनाएगी। आज का कौशल युक्त युवा ही कल का भारत निर्माण करेगा।”
बस्तर में भी दिखेगा प्रभाव, स्थानीय संसाधनों का होगा समुचित उपयोग
श्री कश्यप ने कहा कि बस्तर क्षेत्र प्राकृतिक, खनिज एवं वन संसाधनों से भरपूर है। यहां के युवाओं को यदि सही दिशा, प्रशिक्षण और तकनीकी सहयोग मिले तो वे स्वावलंबन की दिशा में बड़ी छलांग लगा सकते हैं। उन्होंने कहा कि सरकार वनाधारित आजीविका कार्यक्रमों को बढ़ावा देकर आदिवासी समुदायों की आय बढ़ाने पर कार्य कर रही है।
“अब जरूरत है बस्तर के युवाओं को स्किल बेस्ड शिक्षा और तकनीकी जानकारी देने की, ताकि वे किसी के सहारे नहीं बल्कि स्वयं के दम पर रोजगार सृजित कर सकें।”
चार महत्वपूर्ण एमओयू : युवाओं के लिए रोजगार का नया रास्ता
- कौशल विकास प्राधिकरण एवं नंदी फाउंडेशन
उद्देश्य: आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के युवाओं को आवश्यक कौशल देकर रोजगार दिलाना। - कौशल विकास प्राधिकरण एवं महिंद्रा एंड महिंद्रा
उद्देश्य: दंतेवाड़ा, कोंडागांव व बलरामपुर के लाइवलीहुड कॉलेजों में ट्रैक्टर मैकेनिक का प्रशिक्षण। - उच्च शिक्षा विभाग एवं नैसकॉम
उद्देश्य: कॉलेज विद्यार्थियों को आधुनिक तकनीक की जानकारी देकर जॉब प्रोवाइडर बनाना। - उच्च शिक्षा विभाग एवं नंदी फाउंडेशन (द्वितीय एमओयू)
उद्देश्य: कॉलेज छात्रों को रोजगार परक मार्गदर्शन हेतु प्रशिक्षित शिक्षक की व्यवस्था।
“बेरोजगारी दूर कर बनाएंगे स्वालंबी समाज”
मंत्री केदार कश्यप ने कहा कि अब केवल नौकरी की तलाश नहीं, बल्कि युवाओं को रोजगार देने वाला बनने की प्रेरणा दी जाएगी। स्वरोजगार को बढ़ावा देकर सरकार हर जिले को आत्मनिर्भर बनाना चाहती है। उन्होंने कहा कि युवाओं की भागीदारी के बिना कोई भी विकास संभव नहीं, इसलिए कौशल विकास को सरकार की शीर्ष प्राथमिकता दी गई है।