गुम मोबाइल लौटे असल मालिकों के पास- नारायणपुर सायबर पुलिस का सराहनीय “मोबाइल वापसी अभियान”

7 लाख 20 हजार से अधिक मूल्य के 45 मोबाइल बरामद, मोबाइल मिलने पर खिले लोगों के चेहरे…
नारायणपुर। पुलिस का चेहरा अब केवल कानून-व्यवस्था तक सीमित नहीं रहा, बल्कि आम जनता के सहयोगी के रूप में भी उभर रहा है। इसी दिशा में नारायणपुर सायबर पुलिस टीम ने सामुदायिक पुलिसिंग के तहत एक सराहनीय पहल करते हुए “मोबाइल वापसी अभियान” चलाया। इस अभियान में जिले के विभिन्न थानों से गुम हुए 45 मोबाइल फोन बरामद कर उनके वास्तविक स्वामियों को लौटाए गए। बरामद मोबाइलों की अनुमानित कीमत 7 लाख 20 हजार रुपये से अधिक बताई गई है।

मोबाइल वितरण का कार्यक्रम 29 अक्टूबर 2025 को पुलिस अधीक्षक कार्यालय, नारायणपुर में आयोजित किया गया। इस अवसर पर पुलिस अधीक्षक रोबिनसन गुड़िया (भा.पु.से.), अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक सुशील कुमार नायक, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक ऐश्वर्य चन्द्राकर, उप पुलिस अधीक्षक डॉ. प्रशांत देवांगन, तथा उप पुलिस अधीक्षक आशीष नेताम उपस्थित रहे। वरिष्ठ अधिकारियों ने गुम मोबाइल प्राप्त करने वाले नागरिकों को उनके फोन सौंपे और सायबर पुलिस टीम के कार्य की सराहना की।
कार्यक्रम के दौरान पुलिस अधीक्षक रोबिनसन गुड़िया ने कहा कि —
“नारायणपुर पुलिस जहां एक ओर नक्सल अभियानों में सफलता हासिल कर रही है, वहीं सामुदायिक पुलिसिंग के तहत आम जनता से जुड़ाव और भरोसा बढ़ाने की दिशा में भी लगातार कार्य कर रही है।”
उन्होंने बताया कि जिले में सायबर सेल को लोगों से लगातार मोबाइल गुमने की शिकायतें मिल रही थीं, जिन्हें गंभीरता से लेते हुए नोडल अधिकारी डॉ. प्रशांत देवांगन के पर्यवेक्षण में एक विशेष टीम गठित की गई। इस टीम ने तकनीकी साधनों का उपयोग करते हुए गुम मोबाइलों की खोजबीन की और सफलतापूर्वक बरामदगी की।
इस अभियान में निरीक्षक विनीत दुबे, सहायक उप निरीक्षक राजकुमार शोरी, आरक्षक संदीप चौहान, जयलाल पोटाई, आशीष ध्रुवे, सुमित नाग, रामचन्द्र यादव, राजू बघेल, तथा साइबर वॉलंटियर अनुराग नाग की महत्वपूर्ण भूमिका रही।
मोबाइल वापसी पाकर नागरिकों के चेहरे खुशी से खिल उठे और उन्होंने नारायणपुर पुलिस के प्रयासों की सराहना की।
अंत में पुलिस विभाग ने जनता से अपील की —
“यदि आपका मोबाइल गुम हो जाए तो तुरंत सीईआईआर पोर्टल पर शिकायत दर्ज करें या नजदीकी थाने व सायबर सेल से संपर्क करें। साथ ही, बैंकिंग फ्रॉड की स्थिति में 1930 टोलफ्री नंबर पर कॉल कर 24 घंटे के भीतर शिकायत दर्ज कराएं।”
नारायणपुर पुलिस का यह प्रयास न केवल तकनीकी दक्षता का उदाहरण है, बल्कि पुलिस-जन सहयोग की एक मिसाल भी बन गया है।




