नारायणपुर

अबूझमाड़ के भीतर कुड़मेल में खुला नया सुरक्षा एवं जनसुविधा कैम्प

एक वर्ष में नारायणपुर पुलिस ने अबूझमाड़ में खोले 12 सुरक्षा कैम्प

नारायणपुर। घोर नक्सल प्रभावित अबूझमाड़ क्षेत्र में विकास और सुरक्षा की नई इबारत लिखी जा रही है। जिला पुलिस बल और आईटीबीपी की संयुक्त कार्रवाई के तहत बुधवार, 15 अक्टूबर 2025 को इंद्रावती एरिया कमेटी के सेफ जोन माने जाने वाले ग्राम कुड़मेल में नया सुरक्षा एवं जनसुविधा कैम्प स्थापित किया गया। यह कैम्प नारायणपुर जिले के भीतर पिछले एक वर्ष में खोला गया बारहवां कैम्प है, जो नक्सल प्रभावित इलाकों में सुरक्षा का दायरा और जनविश्वास दोनों बढ़ाने का कार्य करेगा।

कुड़मेल कैम्प की स्थापना नारायणपुर पुलिस, डीआरजी, बस्तर फाइटर और आईटीबीपी की 44वीं, 29वीं, 38वीं और 45वीं वाहिनियों की संयुक्त पहल से की गई है। कैम्प का उद्देश्य नक्सल गतिविधियों पर नियंत्रण रखते हुए ओरछा–आदेर–लंका एक्सिस तक चल रहे सड़क निर्माण कार्यों को सुरक्षा प्रदान करना और विकास की रफ्तार को तेज करना है।


🔹 ग्रामीणों में उत्साह, बढ़ा विश्वास

कैम्प खुलने के साथ ही क्षेत्र के ग्रामीणों में उत्साह और भरोसे का माहौल देखा गया। ग्राम कुड़मेल, जो थाना ओरछा से 21 किलोमीटर, एडजूम से 16 किलोमीटर, ईदवाया से 10 किलोमीटर और आदेर से 4 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है, अब सुरक्षा व्यवस्था के दायरे में आ गया है।

पुलिस अधीक्षक नारायणपुर रॉबिनसन गुड़िया (भा.पु.से.) ने कैम्प स्थापना के मौके पर आसपास के गांवों — कुड़मेल, एपररोपर, इत्तपरा, जाटलूर और ढोढ़रबेड़ा — के ग्रामीणों से मुलाकात की और उनकी समस्याओं को सुना। ग्रामीणों ने बिजली, पेयजल, शिक्षा, स्वास्थ्य और सड़क जैसी मूलभूत सुविधाओं की मांग रखी, जिस पर पुलिस अधीक्षक ने शीघ्र समाधान का आश्वासन दिया।

उन्होंने बताया कि शीघ्र ही ‘‘नियद नेल्लानार’’ के अंतर्गत ‘‘जन समस्या निवारण शिविर’’ आयोजित किया जाएगा, ताकि ग्रामीणों की समस्याओं का समाधान उनके गांव तक पहुंचकर किया जा सके।


🔹 भयमुक्त जीवन की ओर बढ़ते कदम

ग्रामीणों ने नक्सल हिंसा की पीड़ा साझा करते हुए कहा कि वर्षों से भय के साए में जीने की मजबूरी थी, लेकिन अब पुलिस कैम्प खुलने के बाद वे भयमुक्त जीवन जीने की उम्मीद कर सकते हैं।
कई नक्सल समर्थक ग्रामीण अब पुलिस के पास आकर आत्मसमर्पण की इच्छा जता रहे हैं। पुलिस की बढ़ती मौजूदगी से नक्सल गतिविधियों में गिरावट आई है और स्थानीयों में सरकार और प्रशासन के प्रति भरोसा बढ़ा है।


🔹 विकास की नई राहें

नवीन कैम्प की स्थापना से अबूझमाड़ के अंदरूनी हिस्सों में विकास की राह और भी मजबूत होगी। क्षेत्र में सड़क, पुल-पुलिया, शिक्षा, स्वास्थ्य, मोबाइल नेटवर्क कनेक्टिविटी सहित अन्य मूलभूत सुविधाओं के विस्तार को गति मिलेगी।
नारायणपुर पुलिस द्वारा संचालित ‘‘माड़ बचाओ अभियान’’ और लगातार खुल रहे कैम्पों से नक्सल हिंसा में कमी आई है। वर्ष 2024-25 में ही 208 माओवादियों ने नक्सल विचारधारा त्यागकर आत्मसमर्पण किया है।


🔹 बारिश और चुनौतियों के बावजूद सुरक्षा विस्तार

भारी बारिश और कठिन भौगोलिक परिस्थितियों के बावजूद नारायणपुर पुलिस ने अबूझमाड़ के गहरे इलाकों में यह चौथा अंदरूनी कैम्प सफलतापूर्वक खोला है। सुरक्षा बलों के इस प्रयास ने न केवल स्थानीयों में विश्वास जगाया है, बल्कि प्रशासन की पहुंच को भी उन इलाकों तक सुनिश्चित किया है जहां पहले नक्सली हुकूमत चलाते थे।


पुलिस अधीक्षक रॉबिनसन गुड़िया ने कहा,

“कुड़मेल कैम्प की स्थापना से न केवल नक्सल गतिविधियों पर नियंत्रण मजबूत होगा, बल्कि विकास कार्यों को भी नई गति मिलेगी। अबूझमाड़ के हर कोने तक सुरक्षा और शासन की पहुंच सुनिश्चित करना हमारा लक्ष्य है।”

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