नारायणपुर

अबुझमाड़ में हाथियों का कहर

कांकेर से कोटरी नदी पार कर अबुझमाड़ में पहुंचे हाथियों का दल…

 

नारायणपुर- अबुझमाड़ के कई गांव इन दिनों जंगली हाथियों के आतंक से सहमे हुए हैं। कांकेर जिले की सीमावर्ती कोटरी नदी पार कर पहुंचे हाथियों के दल ने गांवों में घुसकर फसल बर्बाद करने के साथ ही ग्रामीणों के मकानों को क्षतिग्रस्त कर दिया। घरों के अंदर रखे धान और राशन सामग्री भी हाथियों ने चट कर दी। हालात ऐसे हैं कि कई परिवार अपना गांव छोड़कर सुरक्षित जगहों पर शरण लेने को मजबूर हो गए हैं।


गांव-गांव में मचाया उत्पात

वन विभाग से मिली जानकारी के अनुसार, हाथियों का यह दल मसपी, वट्टेकाल, मरसूनापा, गेंडाबेड़ा सहित कई गांवों में प्रवेश कर चुका है। मरसुनापा में रहिमन गावड़े पिता मेहतु, मसपी में रामबाई अंचला और रेनूराम पद्दा, वट्टेकाल में लक्मू सलाम और मोडा पद्दा के मकानों को भारी नुकसान हुआ है।

गांव में घुसने के दौरान हाथियों ने खेतों को भी रौंद दिया, जिससे धान और अन्य फसलें नष्ट हो गईं। ग्रामीणों का कहना है कि वे न केवल आर्थिक नुकसान झेल रहे हैं, बल्कि रात-रात भर रतजगा करने को मजबूर हैं।


वन विभाग ने दी चेतावनी

घटना की सूचना मिलने पर वन विभाग की रेस्क्यू टीम मौके पर पहुंची और हाथियों की गतिविधियों पर नजर रख रही है। रेंजर पश्चिम परलकोट बांदे विजय पटनायक ने बताया —

“टीम के लौटने के बाद ही यह स्पष्ट हो पाएगा कि कितने मकानों और कितनी फसल का नुकसान हुआ है। आकलन के बाद रिपोर्ट उच्च अधिकारियों को भेजी जाएगी और तीन माह के भीतर मुआवजा राशि प्रभावित ग्रामीणों के खातों में जमा की जाएगी।”

वन विभाग ने जंगल में न जाने और हाथियों से दूरी बनाए रखने की अपील की है, ताकि किसी प्रकार की जनहानि न हो।


  • प्रभावित गांव: मसपी, वट्टेकाल, मरसूनापा, गेंडाबेड़ा
  • मुख्य नुकसान: मकान क्षतिग्रस्त, धान व राशन नष्ट
  • कारण: कांकेर से कोटरी नदी पार कर अबुझमाड़ में पहुंचे हाथियों का दल
  • वन विभाग की अपील: जंगल न जाएं, सतर्क रहें

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