नारायणपुर

“लुक नहीं, बुक पर ध्यान दें” – प्राचार्य

नेशनल लाइब्रेरियन्स डे पर साहित्यिक क्विज प्रतियोगिता, बुकर पुरस्कार से जुड़े प्रश्न भी पूछे गए…

नारायणपुर। शासकीय स्वामी आत्मानंद स्नातकोत्तर महाविद्यालय, नारायणपुर के ग्रंथालय विभाग में सोमवार को भारत में पुस्तकालय विज्ञान के जनक डॉ. एस. आर. रंगनाथन की 133वीं जयंती के अवसर पर साहित्यिक प्रश्नावली प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। यह दिवस प्रतिवर्ष 12 अगस्त को नेशनल लाइब्रेरियन्स डे के रूप में देशभर में मनाया जाता है।

कार्यक्रम में इंडिया डिवाइडेडठाकुर का कुआंसूरज का सातवां घोड़ाइंडिया विंस फ्रीडम जैसी प्रसिद्ध पुस्तकों एवं उनके लेखकों से जुड़े प्रश्न पूछे गए। साथ ही 2025 में बुकर पुरस्कार प्राप्त पुस्तक और उसके लेखक का नाम भी प्रश्नावली का हिस्सा रहा।


लुक नहीं, बुक पर दें ध्यान

महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. एस. आर. कुंजाम ने छात्र-छात्राओं को संबोधित करते हुए कहा — “छात्र जीवन में लुक नहीं, बुक पर ज्यादा ध्यान दें। पुस्तकें ज्ञान प्राप्ति का मार्ग प्रशस्त करती हैं और मन-मस्तिष्क में तार्किक एवं विश्लेषणात्मक क्षमता का विकास करती हैं।”
उन्होंने विद्यार्थियों को रोजमर्रा की व्यस्तताओं के बीच से कुछ समय निकालकर पुस्तकालय में पुस्तकों के बीच समय बिताने की सलाह दी।


रंगनाथन के जीवन पर प्रकाश

लाइब्रेरियन संजय कुमार पटेल ने डॉ. रंगनाथन के जीवन और योगदान पर विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बताया कि 1892 में चेन्नई में जन्मे रंगनाथन गणित विषय के सहायक प्राध्यापक थे। वर्ष 1924 में उन्हें मद्रास विश्वविद्यालय का प्रथम पुस्तकालयाध्यक्ष नियुक्त किया गया और वे पुस्तकालय विज्ञान की पढ़ाई के लिए लंदन गए।
लौटकर उन्होंने फाइव लॉज़ ऑफ लाइब्रेरी साइंसकोलन क्लासिफिकेशनक्लासिफाइड कैटलॉग कोडलाइब्रेरी मैनेजमेंट जैसी कई महत्वपूर्ण पुस्तकें और शोध पत्र लिखे। उनके योगदान के लिए 1957 में भारत सरकार ने उन्हें पद्मश्री से सम्मानित किया और 1965 में नेशनल रिसर्च प्रोफेसर बनाया। उनके नाम पर सरकार ने डाक टिकट भी जारी किया।


सोशल मीडिया से दूर रहकर पुस्तकों की ओर लौटें

लाइब्रेरियन ने कहा कि इस प्रतियोगिता का मुख्य उद्देश्य विद्यार्थियों को प्रसिद्ध पुस्तकों और लेखकों से परिचित कराना और उपन्यास एवं कहानियां पढ़ने के लिए प्रेरित करना है। उन्होंने चिंता जताई कि वर्तमान समय में छात्र सोशल मीडिया पर अधिक समय व्यतीत कर रहे हैं, जिससे उन्हें केवल क्षणिक सतही ज्ञान मिल पाता है। विस्तृत और गहन ज्ञान के लिए पुस्तकों और पुस्तकालयों की ओर लौटना आवश्यक है।


विजेताओं की सूची

प्रतियोगिता का मूल्यांकन डॉ. मीनाक्षी ठाकुर (राजनीति विज्ञान), डॉ. वंदना नेताम (अर्थशास्त्र), प्रीति पटेल (अंग्रेजी), जसमान ब्रजेश (समाजशास्त्र) एवं प्रफुल गेडाम (वनस्पतिशास्त्र) ने किया।

  • प्रथम स्थान: अजोन्ति पोटाई (बीएससी तृतीय वर्ष)
  • द्वितीय स्थान: रामसिंह यादव (बीए प्रथम सेमेस्टर), रोहित साहू (बीए तृतीय वर्ष) एवं शुभरागन (एमए हिंदी प्रथम सेमेस्टर) — संयुक्त
  • तृतीय स्थान: अंजली पोटाई (एमएससी वनस्पतिशास्त्र तृतीय सेमेस्टर) एवं आशीष वड्डे (बीए प्रथम सेमेस्टर) — संयुक्त

विजेताओं को प्रमाणपत्र और पुरस्कार प्रदान किए गए। कार्यक्रम में महाविद्यालय के सहायक प्राध्यापक, अतिथि व्याख्याता, बुक लिफ्टर मेष राम ठाकुर और अन्य कर्मचारी उपस्थित रहे।


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