जगदीश कला मंदिर से गुंडिचा मंडप तक गूंजे जयघोष, गुंडिचा मंडप पर भव्य भंडारे का आयोजन…
नारायणपुर, 27 जून। नारायणपुर नगर इस शुक्रवार भक्ति, उल्लास और आस्था की भावधारा में सराबोर रहा। आषाढ़ मास शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि पर प्राचीन श्री जगदीश कला मंदिर से भगवान श्री जगन्नाथ, भाई बलभद्र एवं बहन सुभद्रा की पारंपरिक रथयात्रा निकाली गई, जिसमें नगरवासियों, श्रद्धालुओं और धार्मिक मंडलियों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया।
सजे-धजे रथ में भगवान के श्रीविग्रहों को विराजित कर भक्तों ने रस्सी खींचते हुए नगर भ्रमण कराया। भक्ति रस में डूबे श्रद्धालुओं ने जय जगन्नाथ के जयघोषों के साथ नगर की सड़कों को भक्तिमय बना दिया।
गुंडिचा मंडप में नौ दिवसीय धार्मिक आयोजन
रथयात्रा नगर भ्रमण के उपरांत पुराना बस स्टैंड स्थित श्री हनुमान मंदिर के गुंडिचा मंडप पहुंची, जहां भगवान के विग्रहों को नौ दिनों के लिए विराजमान किया गया। इस दौरान प्रत्येक दिन पूजन, पाठ, आरती, कीर्तन और प्रवचन का आयोजन किया जाएगा। वापसी यात्रा (उल्टा रथ) 5 जुलाई को होगी, जब भगवान पुनः जगदीश कला मंदिर पधारेंगे।
गुंडिचा मंडप पर हुआ भव्य भंडारा, हजारों श्रद्धालुओं ने पाया प्रसाद
रथयात्रा के अवसर पर गुंडिचा मंडप परिसर में एक विशाल भंडारे का आयोजन किया गया, जिसमें नगरवासियों, श्रद्धालुओं एवं बाहर से आए भक्तों को श्रद्धाभाव से भोजन एवं प्रसाद वितरित किया गया। भंडारे में सादगी के साथ भक्ति की भावना प्रबल थी। सेवा कार्यों में स्थानीय युवाओं, महिला मंडलियों और समिति सदस्यों ने सक्रिय भागीदारी निभाई।
भंडारे में प्रसाद ग्रहण कर श्रद्धालु भावविभोर हो उठे और इस आयोजन को भगवान जगन्नाथ की विशेष कृपा बताया। भंडारे ने आयोजन में भक्ति के साथ सामाजिक समरसता और सेवा भावना का सुंदर उदाहरण प्रस्तुत किया।
धार्मिक और सांस्कृतिक रंगों में रंगा नगर
रथयात्रा में पारंपरिक झांकियों, रामायण मंडलियों और भक्ति संगीत की प्रस्तुतियों ने माहौल को दिव्यता प्रदान की। महिलाएं मंगल गीतों और कलश यात्रा के साथ आगे बढ़ रही थीं, तो बच्चे और युवा रंग-बिरंगे परिधान में उत्सव का उल्लास बढ़ा रहे थे। भव्य सजावट, ध्वज, बंदनवार और पुष्पवर्षा से सजे मार्गों पर रथयात्रा का स्वागत किया गया।
नारायणपुर की वर्षों पुरानी परंपरा में बढ़ती भव्यता
श्री जगदीश कला मंदिर की यह रथयात्रा नारायणपुर की दशकों पुरानी परंपरा का प्रतीक है, जो हर वर्ष श्रद्धा और जनसहभागिता के साथ और भी व्यापक रूप में सामने आ रही है। यह महोत्सव केवल एक धार्मिक आयोजन नहीं, बल्कि सामाजिक एकता, सांस्कृतिक गौरव और आध्यात्मिक ऊर्जा का प्रतीक बन चुका है।
मुख्य आकर्षण:
भगवान जगन्नाथ की पारंपरिक रथयात्रा
गुंडिचा मंडप में विशाल भंडारा और प्रसाद वितरण
धार्मिक-सांस्कृतिक झांकियां और भजन-कीर्तन
नौ दिनों तक पूजन, पाठ, आरती और कीर्तन
महिला-पुरुष मंडलियों की भक्ति संगीत प्रस्तुत