Monday, July 21, 2025

प्रधानमंत्री मोदी के मार्गदर्शन में ‘योग फॉर वन अर्थ, वन हेल्थ’ थीम पर होगा 11वां योग दिवस : केदार कश्यप

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भारत ने वसुधैव कुटुंबकम के भाव से योग को बनाया वैश्विक विरासत, योग के माध्यम से आर्थिक मजबूती भी मिली…

नारायणपुर। छत्तीसगढ़ शासन में वन मंत्री व नारायणपुर विधायक केदार कश्यप ने गुरुवार को लोक निर्माण विभाग विश्रामगृह में पत्रकारवार्ता को संबोधित करते हुए कहा कि 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस “योग फॉर वन अर्थ, वन हेल्थ” की थीम पर मनाया जाएगा। इस अवसर पर भारत समेत विश्व के 190 से अधिक देश सहभागिता निभाएंगे।

उन्होंने कहा कि “योग भारतीय संस्कृति की शाश्वत देन है, जिसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वैश्विक स्तर पर पहचान दिलाई है। योग केवल कसरत नहीं, यह भारत की वैचारिक विरासत, वैज्ञानिक सोच और सांस्कृतिक सहिष्णुता का प्रतीक है।”

योग से स्वास्थ्य, संस्कार और समरसता – तीनों को लाभ : कश्यप

मंत्री केदार कश्यप ने कहा कि “प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में भारत ने योग को एक अंतरराष्ट्रीय आंदोलन में बदल दिया। उनके विजन का ही परिणाम है कि आज योग केवल स्वास्थ्य का माध्यम नहीं, बल्कि 20 हजार करोड़ रुपए से अधिक की अर्थव्यवस्था बन चुका है। देश-विदेश में 1 लाख से अधिक प्रमाणित योग प्रशिक्षक योग को जन-जन तक पहुँचा रहे हैं।”
उन्होंने बताया कि योग से पर्यटन, आयुर्वेद, हेल्थ सेक्टर और हस्तशिल्प जैसे क्षेत्रों को भी बढ़ावा मिला है, जिससे ग्रामीण रोजगार में वृद्धि हुई है।

योग से जुड़ रहा है आमजन, 2.5 करोड़ परिवारों में योग का स्थान

पत्रकार वार्ता के दौरान एनएसएसओ सर्वे का हवाला देते हुए मंत्री कश्यप ने बताया कि भारत के लगभग 2.5 करोड़ घरों में कम-से-कम एक व्यक्ति नियमित योग करता है। यह इस बात का प्रमाण है कि योग अब आम भारतीय की जीवनशैली का हिस्सा बन चुका है।
“यह योग की शक्ति है कि एक विचार जो कभी सीमित दायरे में था, आज वह जन-जन तक पहुंच चुका है। यह प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व और भारत की सांस्कृतिक आत्मबल का परिणाम है,” उन्होंने कहा।

अंतरराष्ट्रीय मंच पर भारत की सांस्कृतिक पहचान को मिली मजबूती

कश्यप ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने जब 2014 में संयुक्त राष्ट्र महासभा में 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के रूप में मनाने का प्रस्ताव रखा था, तो 177 देशों ने इस प्रस्ताव का समर्थन किया। यह अब तक संयुक्त राष्ट्र में मिले समर्थन में सबसे बड़ा वैश्विक समर्थन था।
“यह भारत की सांस्कृतिक विरासत की वैचारिक और आध्यात्मिक विजय है। योग को लेकर जो संकोच और भ्रम पहले था, वह आज वैज्ञानिक तथ्यों और वैश्विक स्वीकृति से समाप्त हो चुका है।”

योग सिर्फ शरीर नहीं, आत्मा और चेतना को जोड़ने की पद्धति

मंत्री ने कहा कि “योग केवल शरीर को लचीला बनाने का अभ्यास नहीं है, यह मन को स्थिरभावनाओं को संतुलित और आत्मा को शांत करने की साधना है।”
उन्होंने कहा कि आदियोगी शिव से लेकर महर्षि पतंजलि तक, भारत ने सदियों से योग को संरक्षित और प्रचारित किया है। आज वैज्ञानिक दृष्टिकोण से प्रमाणित यह पद्धति जीवन के हर आयाम को स्पर्श कर रही है।

वैज्ञानिक दृष्टिकोण से भी 21 जून का विशेष महत्व

कश्यप ने बताया कि 21 जून को वर्ष का सबसे लंबा दिन होता है और इस दिन से दक्षिणायन की शुरुआत होती है। “आयुर्वेद और योग शास्त्रों में इस काल को स्वास्थ्य के दृष्टिकोण से चुनौतीपूर्ण माना गया है। ऐसे में योग शरीर की रोग-प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है और मानसिक संतुलन बनाए रखने में मदद करता है।”

इस वर्ष होंगे 10 प्रमुख आयोजन, वैश्विक भागीदारी तय

इस वर्ष योग दिवस को खास बनाने के लिए भारत सरकार 10 प्रमुख आयोजन कर रही है।

  • 10 हजार स्थानों पर एकसाथ योग प्रदर्शन कर वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया जाएगा।
  • 10 देशों के साथ साझेदारी में योग वंदन कार्यक्रम होंगे।
  • 1 हजार योग पार्क, विशेष रूप से दिव्यांगों, बुजुर्गों और बच्चों के लिए।
  • 100-दिवसीय “संयोगम” पहल के माध्यम से योग और आधुनिक चिकित्सा को जोड़ा जाएगा।
  • प्रधानमंत्री की अगुवाई में केंद्रीय समारोह तथा देशभर में सप्ताहभर योग महाकुंभ।

युवाओं को जोड़ा जा रहा योग से

वनमंत्री ने कहा कि “आज का युवा वर्ग योग से थोड़ा विमुख होता जा रहा है, ऐसे में सरकार का प्रयास है कि युवाओं को पुनः योग से जोड़ा जाए।”
उन्होंने कहा कि “योग, ‘युव्रा’ की तरह ही केवल उच्चारण में नहीं, बल्कि आत्मा से भी युवाओं से जुड़ा हुआ है। यह आधुनिक वैज्ञानिक युग में भी पूरी तरह प्रासंगिक है।”

समापन में दी मीडिया को शुभकामनाएं

मंत्री ने अंत में उपस्थित मीडिया कर्मियों से आग्रह किया कि वे योग के प्रसार में अपनी रचनात्मक भूमिका निभाएं। “मीडिया का योगदान जन-जागरण में अत्यंत महत्त्वपूर्ण है। योग जैसी पद्धति को घर-घर पहुँचाने में पत्रकारिता की भूमिका प्रेरक बनी है।”

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