नया रायपुर/11 जून 2025।
छत्तीसगढ़ की राजधानी नया रायपुर के तूता मैदान में आरक्षित वर्ग के हजारों अधिकारी-कर्मचारियों और सामाजिक संगठनों ने एकजुट होकर अपने संवैधानिक अधिकारों और लंबित मांगों को लेकर जोरदार प्रदर्शन किया। इस एक दिवसीय राज्यव्यापी धरना प्रदर्शन में नारायणपुर जिले से भी बड़ी भागीदारी देखने को मिली।
छ.ग. राज्य आरक्षित वर्ग अधिकारी कर्मचारी फेडरेशन, अनुसूचित जनजाति शासकीय सेवक विकास संघ, बौद्ध समाज, सतनामी समाज, सर्व आदिवासी समाज, और अनुसूचित जाति समाज सहित तमाम संगठनों से जुड़े लगभग 40,000 से अधिक लोगों ने प्रदर्शन स्थल पर पहुंचकर सरकार के खिलाफ जोरदार नारेबाजी की और अपने 10 सूत्रीय मांग पत्र को लेकर आंदोलन किया।
प्रदर्शनकारियों ने जिन प्रमुख मांगों को लेकर आवाज उठाई, उनमें शामिल हैं:
- पदोन्नति में आरक्षण की बहाली एवं सुप्रीम कोर्ट के अंतरिम आदेश (01.05.2023 एवं 24.02.2025) के तहत कार्यवाही,
- नियम-5 को पुनः अधिसूचित करना,
- जनजाति व पिछड़े वर्गों के रिक्त बैकलॉग पदों को भरने हेतु विशेष भर्ती अभियान,
- संभाग/स्थानीय स्तर पर आरक्षण आधारित भर्ती अधिनियम बनाना,
- जनसंख्या के अनुपात में आरक्षण का निर्धारण,
- छात्रवृत्ति के लिए निर्धारित 2.50 लाख की आय सीमा समाप्त करना,
- फर्जी जाति प्रमाणपत्र धारकों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई।
इस प्रदर्शन के माध्यम से आरक्षित वर्गों ने सरकार को यह स्पष्ट संदेश दिया कि अब वे अपने संवैधानिक अधिकारों को लेकर पहले से कहीं अधिक जागरूक और संगठित हैं। प्रदर्शन में शामिल लोगों ने यह भी कहा कि यदि मांगे शीघ्र पूरी नहीं की गईं तो आंदोलन को और व्यापक किया जाएगा।
नारायणपुर जिले से भी इस आंदोलन में सशक्त भागीदारी रही। अनुसूचित जनजाति शासकीय सेवक विकास संघ नारायणपुर के अध्यक्ष अशोक उसेंडी, उपाध्यक्ष संतु राम नुरेटी, महासचिव डॉ. भागेश्वर पात्र, ब्लॉक उपाध्यक्ष मंगलू उसेंडी सहित बड़ी संख्या में अधिकारी-कर्मचारी तूता मैदान रायपुर पहुंचे और अपनी सहभागिता दर्ज कराई।
धरना प्रदर्शन शांति और अनुशासन के साथ संपन्न हुआ, पर इसने स्पष्ट कर दिया कि यदि सरकार ने आरक्षित वर्ग की मांगों की ओर ध्यान नहीं दिया, तो यह आंदोलन आने वाले समय में अधिक व्यापक और प्रभावशाली रूप ले सकता है।
( अबूझमाड़ लाइव प्रतिनिधि – रायपुर/नारायणपुर)