अबूझमाड़ लइव
नारायणपुर संस्करण | 20 मई 2025 | मंगलवार
नक्सल प्रभावित कुतुल से बस सेवा प्रारंभ
दुर्गम इलाकों को मिली राहत, माड़वासी बोले—अब नहीं चलना पड़ेगा पैदल…
प्रशासन, पुलिस और परिवहन विभाग की संयुक्त पहल, विकास की ओर एक और कदम…
नारायणपुर। माओवादियों की तथाकथित राजधानी कहे जाने वाले ग्राम कुतुल से अब आमजन को जिला मुख्यालय तक बस सुविधा मिलना शुरू हो गई है। 18 मई 2025 को जिला प्रशासन, नारायणपुर पुलिस एवं परिवहन विभाग के संयुक्त प्रयास से इस सेवा का शुभारंभ किया गया। इस पहल से दूरस्थ क्षेत्रों के ग्रामीणों में भारी उत्साह देखा गया।
ग्राम कुतुल के साथ-साथ पदमकोट, बेड़माकोटी, नेलांगुर, मोहंदी, कच्चापाल, कोडलियार, ईरकभट्टी, कोहकामेटा समेत कई गाँवों के माड़वासी इस बस सेवा का लाभ ले सकेंगे। जिला मुख्यालय से कुतुल की दूरी लगभग 55 किलोमीटर है, जहाँ तक पहले ग्रामीणों को पैदल या निजी साधनों से ही पहुँचना पड़ता था।
विकास की राह पर चल पड़ा दुर्गम क्षेत्र
नक्सल प्रभावित इस क्षेत्र में सुरक्षा बलों की निगरानी में सड़कों का निर्माण किया गया है। अब बस सेवा प्रारंभ होने से ग्रामीणों को अपने गंतव्य तक आसानी से पहुँचने की सुविधा मिलेगी। इससे न केवल समय की बचत होगी बल्कि रोजगार, शिक्षा व स्वास्थ्य सेवाओं तक भी आमजन की पहुँच सुलभ हो सकेगी।
पुलिस अधीक्षक प्रभात कुमार (भा.पु.से.) ने कहा—
“ग्राम कुतुल में सुरक्षा और जनसुविधा कैंप की स्थापना के बाद लोगों में आत्मविश्वास बढ़ा है। पुलिस सहायता केंद्र की उपस्थिति से माड़वासी अब खुद को सुरक्षित महसूस कर रहे हैं। सड़क निर्माण पूर्ण होते ही बस सेवा प्रारंभ की गई, जिससे लोग निर्भीक होकर मुख्यालय तक आ-जा सकें। साथ ही कुतुल, पदमकोट और बेड़माकोटी में अब नियमित रूप से बाजार भी लगने लगे हैं, जिससे दैनिक उपयोग की वस्तुएं आसानी से मिल रही हैं।”
ग्रामीणों में दिखा उत्साह
बस सेवा प्रारंभ होते ही ग्रामवासियों के चेहरों पर मुस्कान लौट आई है। वर्षों से पैदल सफर करने वाले ग्रामीणों ने अब तक की सबसे बड़ी सौगात बताकर शासन-प्रशासन के प्रति आभार जताया।
आवागमन के साथ जुड़ेगा विकास
यह पहल सिर्फ आवागमन की सुविधा तक सीमित नहीं है, बल्कि यह क्षेत्रीय विकास की नींव भी रख रही है। रोजगार के अवसर, बच्चों की शिक्षा, महिलाओं की सुविधा और व्यापार के लिए यह एक नई शुरुआत है।