दक्षिण अबूझमाड़ क्षेत्र के जंगल में माओवादियों और सुरक्षा बलों के बीच कई घंटो तक चली मुठभेड़।
मुठभेड़ में 05 पुरूष एवं 02 महिला कुल 07 सशस्त्र वर्दीधारी माओवादी का शव बरामद हुआ।
इसके अलावा बड़ी संख्या में नक्सलियों के घायल होने की प्रबल संभावना
मृत माओवादियों की एससीएम कार्तिक उर्फ दसरू, एसीएम रैनी उर्फ रमिला मडकम सहित सोमारी ओयाम, गुडसा कुच्चा, रैनू पोयाम, कमलेश उर्फ कोहला एव सोमारु उर्फ मोटू सभी पीएम मेम्बर के रूप में पहचान हुई है
02 नग 303 रायफल, 02 नग बीजीएल लाँचर , 02 नग 12बोर रायफल एव 02 नग भरमार बंदूक सहित भारी मात्रा में अन्य नक्सली दैनिक उपयोगी सामग्री बरामद।
दक्षिण माड़ डिवीजन, पीएलजीए प्लाटून नम्बर 16, इंद्रावती एरिया कमिटी, इत्यादि के शीर्ष नक्सलियों की आसूचना पर निकली थी संयुक्त टीम।
संयुक्त अभियान में नारायणपुर डीआरजी, दंतेवाड़ा डीआरजी, जगदलपुर डीआरजी, कोण्डागांव डीआरजी और एसटीएफ तथा सीआरपीएफ शामिल
नारायणपुर 14 दिसंबर 2024: नक्सल विरोधी सर्च अभियान में 10/12/2024 को नारायणपुर, दंतेवाड़ा, जगदलपुर, कोंडागांव जिले की डीआरजी के साथ एसटीएफ तथा सीआरपीएफ की संयुक्त पार्टी शीर्ष माओवादियों की उपस्थिति की आसूचना पर दक्षिण अबूझमाड़ क्षेत्र में रवाना हुई थी।
अभियान के दौरान दिनांक 12.12.2024 के लगभग प्रातः 3ः00 बजे दक्षिण अबूझमाड़ कलहाजा – डोंड़रबेड़ा के जंगल, पहाड़ में पुलिस पार्टी एवं माओवादियों के बीच मुठभेड़ शुरू हुई जो की देर तक लगातार चलती रही।
फायरिंग बंद होने पर सभी टीमों द्वारा अपने-अपने दिये गये टॉस्क क्षेत्र में सर्चिंग करने पर घटना स्थल के अलग-अलग स्थानों से 05 पुरूष एवं 02 महिला कुल 07 सशस्त्र वर्दीधारी माओवादी का शव बरामद हुआ।
मारे गए माओवादियों में कार्तिक उर्फ दसरू 25 लाख इनामी, रैनी उर्फ रमिला मडकम 05 लाख इनामी सहित अन्य सोमारी ओयाम, गुडसा कुच्चा, रैनू पोयाम, कमलेश उर्फ कोहला एव सोमारु उर्फ मोटू 2-2 लाख ईनामी नक्सली शामिल।
घटना स्थल में और भी खून के धब्बे दिखाई दिये जिससे प्रतीत होता है कि इस मुठभेड़ में बडी संख्या में अन्य माओवादियों के घायल अथवा मारे जाने की प्रबल संभावना है।
बरामद हथियार
1- 303 रायफल – 02 नग।
2- बी जी एल लाँचर – 02 नग।
3- 12बोर रायफल – 02 नग।
4- भरमार बंदूक – 02 नग ।
4- भारी मात्रा में विस्फोस्टक सामग्री सहित अन्य दैनिक उपयोगी सामान बरामद हुआ।
मारे गये नक्सलियों के नाम व पद
1. रामचन्द्र उर्फ कार्तिक उर्फ दसरू उर्फ जीवन – एस. सी. एम. ओडिसा स्टेट कमेटी सदस्य , सचिव पश्चिम ब्यूरो
2. रैनी उर्फ रमिला मडकम – ए.सी.एम. पश्चिम बस्तर
3. सोमारी ओयाम – पी. एम .
4 . गुडसा कुच्चा – पी. एम.
5 . रैनू पोयाम – पी.एम.
6. कमलेश उर्फ कोहला – पी.एम.
7. सोमारु उर्फ मोटू – पी.एम.
माड़ डिवीजन के इंद्रावती एरिया कमेटी ग्राम कल्हाजा व डोंडरबेड़ा के जंगलों में छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र और ओडिशा राज्य के शीर्ष स्तर के नक्सलियों की संयुक्त बैठक आयोजित की गई थी जिसमें सेंट्रल कमेटी समेत कई स्टेट कमेटी के मेंबर भी शामिल हुए थे। बड़े कैडर के नक्सलियों के एकत्रित होने की आसूचना मिलने पर नारायणपुर, दंतेवाड़ा, कोण्डागांव की डीआरजी तथा एस टी एफ की संयुक्त पार्टी दिनांक 11/12/2024 को रवाना हुई थी। मुठभेड़ में ओड़ीशा स्टेट कमेटी सदस्य कार्तिक उर्फ दसरू समेत 7 नक्सली मुठभेड़ में मारे गए। कई अन्य नक्सलियों के घायल होने की आसूचना भी मिली है।
प्रुदवी मोहन राव उर्फ रामचन्द्र उर्फ कार्तिक उर्फ दसरू उर्फ दसरन्ना उर्फ नरेश उर्फ लखमू उर्फ जीवन विगत कई वर्षोंं से स्टेट कमेटी मेंबर एस सी एम ओड़ीशा स्टेट कमेटी के रूप में सक्रिय था। इंजीनियर में ग्रेजुएट कार्तिक उर्फ दसरू ओड़ीशा स्टेट कमेटी मेंबर में शामिल होने के पूर्व नल्लामला फॉरेस्ट एरिया में पीपुल्स वार ग्रुप के लिए नक्सल गतिविधियों में शामिल था
अबूझमाड़ क्षेत्र के दुर्गम जंगल एवं विकट भौगोलिक परिस्थितियों में रहने वाले मूल निवासियों को नक्सलवादी विचारधारा से बचाना और उन्हें माओवादी सिद्धांतों के आकर्षण से बाहर निकालना ही हमारा मुख्य उद्देश्य है, ताकि क्षेत्र में विकास एवं शांति कायम हो सके। हम उन सभी मूलवासियों जो बाहरी विचारधारा और बाहर के नक्सली नेताओं के गलत प्रभाव में फंस गये हैं उनसे अपील करते हैं कि वे नक्सलवाद एवं नक्सली विचारधारा को त्याग कर शासन की आत्मसमर्पण पुनर्वास नीति को अपनाकर समाज के मुख्य धारा से जुड़े और हथियार और नक्सलवादी विचारधारा का पूर्णतः त्याग व विरोध करें।
अबूझमाड़ जो माओवादियों के गढ़ है और माओवादी जिन्हे अपना सुरक्षित ठिकाना मनाते है, उस क्षेत्र में जिला नारायणपुर, दन्तेवाड़ा, कोण्डागांव और कांकेर द्वारा संयुक्त रूप से संचालित नक्सल विरोधी अभियान के दौरान विगत एक साल में 130 से ज्यादा माओवादी मारे जा चुके है। सिर्फ नारायणपुर जिले में पिछले एक साल में 56 नक्सली मारे जा चुके है ये आंकड़े अबूझमाड़ में नक्सलियों के विरूद्ध सुरक्षा बलो के प्रहार और सफलता को दर्शाता है।
प्रतिबंधित एवं गैर कानूनी सीपीआई माओवादी संगठन के विरूद्ध प्रभावी कार्यवाही करने के उद्देश्य से स्थानीय जिला पुलिस बल, डीआरजी तथा केन्द्रीय अर्धसैनिक बलों द्वारा आपसी बेहतर तालमेल एवं कुशल रणनीति के साथ काम करने के परिणामस्वरूप यह एक सफल ऑपरेशन रहा।
प्रतिबंधित एवं गैर कानूनी सीपीआई माओवादी संगठन के पास अब हिंसा छोड़कर आत्मसमर्पण करने के अलावा कोई और विकल्प नहीं बचा है, इसलिए माओवादी संगठन से पुनः अपील हैं कि वे तत्काल हिंसात्मक गतिविधियों को छोड़कर समाज की मुख्यधारा में जुड़े अन्यथा परिणाम भुगतने को तैयार रहें।