आईटीबीपी की विकासोन्मुख पहल: युवा आदान-प्रदान कार्यक्रम के तहत नारायणपुर के 20 युवा पुणे भ्रमण से लौटे

नारायणपुर। नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में तैनात 45वीं बटालियन भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) द्वारा स्थानीय युवाओं को मुख्यधारा से जोड़ने और उनके सर्वांगीण विकास को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से संचालित युवा आदान-प्रदान कार्यक्रम एक बार फिर सफल रहा। वर्ष 2025-26 के द्वितीय चरण के तहत जिले के विभिन्न सीओबी— फरसगाँव, झारा, धौड़ाई, कन्हारगाँव और कडेनार — से चयनित 10 पुरुष एवं 10 महिला आदिवासी युवाओं को पुणे अध्ययन-भ्रमण पर भेजा गया था।
यह कार्यक्रम गृह मंत्रालय तथा युवा कार्यक्रम एवं खेल मंत्रालय, भारत सरकार की नीतियों के अनुरूप नेहरू युवा केंद्र संगठन (एनवाईकेएस) के सहयोग से प्रतिवर्ष आयोजित किया जाता है। इसका उद्देश्य युवाओं को देश के विभिन्न क्षेत्रों की संस्कृति, जीवन शैली और विकास मॉडल से परिचित कराना है, ताकि उनमें आत्मविश्वास, जागरूकता और राष्ट्रीय एकता की भावना सुदृढ़ हो सके।
पुणे प्रवास के दौरान नारायणपुर के इन युवाओं ने देशी गाय अनुसंधान एवं प्रशिक्षण केंद्र, डेक्कन कॉलेज, शनिवारवाड़ा, आगा खान पैलेस और फीनिक्स मॉल समेत कई ऐतिहासिक व आधुनिक स्थलों का अवलोकन किया। इसके अतिरिक्त उन्हें रोजगार-उन्मुख प्रशिक्षण सत्र, सांस्कृतिक कार्यक्रम तथा योग और एरोबिक का अभ्यास भी कराया गया।
युवाओं ने बताया कि यह अध्ययन-भ्रमण उनके लिए ज्ञानवर्धक, प्रेरणादायी और जीवन बदलने वाला अनुभव साबित हुआ। नई जगहों, नई सोच और नए अवसरों से परिचय ने उनमें आत्मविश्वास बढ़ाया है।
आईटीबीपी की इस पहल ने वर्षों से मुख्यधारा से दूर रहे आदिवासी युवाओं को आधुनिक भारत की प्रगति और विविधता को करीब से देखने का अवसर दिया है। ऐसे कार्यक्रम न केवल जिले में विकास की गति बढ़ाते हैं बल्कि नक्सल प्रभाव को कम करने और युवा पीढ़ी को सकारात्मक दिशा देने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।




