28 माओवादी कैडर मुख्यधारा में लौटे – ‘पूना मारगेम : पुनर्वास से पुनर्जीवन’ पहल में बड़ी सफलता
89 लाख के इनामी 19 महिला माओवादी भी शामिल, 3 हथियार सहित किया आत्मसमर्पण

नारायणपुर | 25 नवंबर 2025
बस्तर रेंज में माओवाद के सफाए और स्थायी शांति की दिशा में छत्तीसगढ़ सरकार के प्रयासों को बड़ी सफलता मिली है। मंगलवार को जिला नारायणपुर में कुल 28 माओवादी कैडरों ने हिंसा का रास्ता छोड़ते हुए ‘पूना मारगेम : पुनर्वास से पुनर्जीवन’ पहल के तहत मुख्यधारा में वापसी का निर्णय लिया। इनमें ₹89 लाख के इनामी 19 महिला माओवादी भी शामिल हैं।
स्थानीय समाज, जिला प्रशासन, पुलिस और सुरक्षा बलों के समन्वित प्रयासों से संपन्न यह पुनर्वास कार्यक्रम क्षेत्र में बढ़ते विश्वास, शांति और सकारात्मक बदलाव का स्पष्ट संकेत माना जा रहा है।

कमानदार स्तर के कई माओवादी भी शामिल
पुनर्वास में शामिल 28 माओवादी कैडरों में निम्न स्तरों के सदस्य रहे—
- Maad Division DVCM Member
- PLGA कंपनी नं. 06 के मिलिट्री सदस्य
- एरिया कमेटी सदस्य (ACM)
- टेक्निकल टीम सदस्य
- मिलिट्री प्लाटून PPCM
- SZCM भास्कर की गार्ड टीम — पार्टी सदस्य
- सप्लाई टीम सदस्य
- एलओएस सदस्य
- जनताना सरकार के सदस्य
सभी ने हिंसा त्यागकर शांति व विकास के मार्ग पर चलने की प्रतिबद्धता व्यक्त की।
हथियार सहित आत्मसमर्पण — कानून व्यवस्था पर भरोसे की मिसाल
कार्यक्रम में 3 माओवादी कैडरों ने SLR, INSAS और .303 रायफल सुरक्षा बलों को सौंपे।
इसे हिंसा से दूरी और लोकतांत्रिक व्यवस्था पर विश्वास का सकारात्मक संकेत माना जा रहा है।
“2025 में अब तक कुल 287 माओवादी मुख्यधारा में शामिल” — पुलिस अधीक्षक
पुलिस अधीक्षक रॉबिन्सन गुड़िया ने बताया कि मंगलवार की कार्रवाई के बाद वर्ष 2025 में जिले में कुल 287 माओवादी कैडर समाज की मुख्यधारा में जुड़ चुके हैं।
उन्होंने कहा कि नारायणपुर में शांति, विश्वास और विकास की प्रक्रिया अब लगातार मजबूत हो रही है।
“हिंसक विचारधारा का अंत निकट” — IGP बस्तर
बस्तर रेंज के पुलिस महानिरीक्षक सुन्दरराज पत्तिलिंगम ने कहा कि
“28 माओवादी कैडरों का मुख्यधारा में लौटना इस बात का प्रमाण है कि हिंसक और जनविरोधी माओवादी विचारधारा समाप्ति की ओर है। लोग ‘पूना मारगेम’ पहल पर भरोसा करते हुए शांति और गरिमा का जीवन चुन रहे हैं।”
उन्होंने बताया कि पिछले 50 दिनों में बस्तर रेंज में 512 से अधिक माओवादी कैडर पुनर्वास के लिए आगे आए हैं।
IGP ने यह भी कहा कि अब शेष माओवादी, जिनमें Politburo सदस्य देवजी, Central Committee सदस्य रामदर, DKSZC सदस्य पाप्पा राव, देवा (Barse Deva) सहित अन्य, के पास हिंसा छोड़ मुख्यधारा में शामिल होने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा है।
सामूहिक उपस्थिति — समाज से लेकर सुरक्षा बलों तक
पुनर्वास कार्यक्रम के दौरान मंच व सभास्थल पर जिला प्रशासन, पुलिस व सुरक्षा बलों की संयुक्त उपस्थिति रही। प्रमुख रूप से —
- सुन्दरराज पत्तिलिंगम, IGP बस्तर रेंज
- प्रतिष्ठा ममगाईं, कलेक्टर नारायणपुर
- रॉबिन्सन गुड़िया, पुलिस अधीक्षक नारायणपुर
- आकांक्षा शिक्षा खलखो, CEO जिला पंचायत
- रोशन सिंह असवाल, सेनानी 38वीं वाहिनी ITBP
- राजीव गुप्ता, सेनानी 43वीं वाहिनी ITBP
- संजय कुमार, सेनानी 53वीं वाहिनी ITBP
- संजय सिंह, सेनानी 129वीं वाहिनी BSF
- नवल सिंह, सेनानी 135वीं वाहिनी BSF
- अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक अक्षय प्रमोद साबद्द्रा
- अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक सुशील कुमार नायक
इसके अलावा बड़ी संख्या में समाज प्रमुख, मीडियाकर्मी, पत्रकार, अधिकारी और जवान उपस्थित रहे।
शांति स्थापना की ओर निर्णायक कदम
‘पूना मारगेम : पुनर्वास से पुनर्जीवन’ पहल के तहत हुआ यह सामूहिक आत्मसमर्पण बस्तर में स्थायी शांति और हिंसा मुक्त समाज के लक्ष्य की दिशा में मील का पत्थर माना जा रहा है।



