वायान वाटिका में पुनर्वासित माओवादी कैडरों ने रोपे आशा के पौधे

नारायणपुर | 29 नवंबर
जिला मुख्यालय नारायणपुर स्थित पुनर्वास केंद्र परिसर में शनिवार को आयोजित पौधारोपण कार्यक्रम में पुनर्वासित माओवादी कैडरों ने स्थानीय समुदाय के वरिष्ठजनों की मौजूदगी में पौधे रोपे। पुनर्वास केंद्र में तैयार किए गए इस विशेष स्थल का नाम वायान वाटिका रखा गया है, जिसका अर्थ स्थानीय गोंडी भाषा में आशा और भविष्य की बगिया है। यह पहल नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में शांति स्थापना और आपसी विश्वास की दिशा में उठाया गया एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।
“अबुझमाड़ में विश्वास की नई शुरुआत – SP नारायणपुर का विशेष संदेश”
लंबे समय तक अनिश्चितता की छाया झेलते रहे नारायणपुर और अबुझमाड़ क्षेत्र में इस तरह की गतिविधियाँ लगातार मजबूत हो रही विश्वास-निर्माण प्रक्रिया को दर्शाती हैं। समुदाय के वरिष्ठजन क्षेत्र में सुरक्षा और सामाजिक सद्भाव स्थापित करने की दिशा में पहले से अधिक सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं।
पूना मारगम पहल के तहत प्रतीकात्मक कार्यक्रम
“पूना मारगम: पुनर्वास से सामाजिक पुनर्समावेशन” पहल के तहत आयोजित इस कार्यक्रम में 25 नवंबर को मुख्यधारा में लौटे 28 माओवादी कैडरों ने वे पौधे रोपे, जिन्हें समुदाय के वरिष्ठजनों ने उन्हें पुनर्समावेशन के प्रतीक के रूप में सौंपा था।

बस्तर रेंज के पुलिस महानिरीक्षक सुन्दरराज पट्टलिंगम ने कहा कि पौधारोपण केवल प्रतीकात्मक कार्यक्रम भर नहीं, बल्कि आशा, विश्वास और स्थायी शांति के रोपण की प्रक्रिया है। उन्होंने कहा कि “आज रोपा गया हर पौधा एक ऐसे जीवन का प्रतीक है जिसने हिंसा का रास्ता छोड़कर शांति और सम्मान के मार्ग को चुना है।”
पुलिस महानिरीक्षक ने यह भी कहा कि समुदाय के वरिष्ठजनों की सहभागिता—कैडरों के स्वागत से लेकर पौधारोपण तक—आपसी सौहार्द और विश्वास के पुनर्निर्माण की दिशा में महत्वपूर्ण संकेत देती है।
नारायणपुर पुलिस अधीक्षक रॉबिनसन गुरिया का कहना था कि अबुझमाड़ जैसे क्षेत्रों में यह कार्यक्रम बदलते परिवेश और मजबूत होती विश्वास प्रक्रिया को दर्शाता है। गुरिया ने कहा कि “स्थायी शांति तभी संभव है जब सुरक्षा उपायों के साथ समुदाय की साझा जिम्मेदारी जुड़े।”
स्थायी शांति और विकास की ओर कदम
आज का आयोजन “पूना मारगम” पहल की बढ़ती प्रभावशीलता को दर्शाता है। कार्यक्रम के माध्यम से यह संदेश स्पष्ट हुआ कि बस्तर आज स्थायी शांति, सामुदायिक पुनर्समावेशन और समावेशी विकास की ओर मजबूती से आगे बढ़ रहा है।
वायान वाटिका में रोपे गए पौधे आने वाले समय में न केवल हरियाली बढ़ाएंगे, बल्कि उन लोगों के बदलते जीवन और बस्तर की बदलती तस्वीर के साक्षी भी बनेंगे।




