मारा गया आतंक का दूसरा नाम हिड़मा, मारी गई हिड़मा की पत्नी राजे भी
आंध्रप्रदेश की सीमा पर मुठभेड़ में हलाक किया गया खूंखार नक्सली हिड़मा

सुकमा/आंध्र सीमा। बस्तर में नक्सलवाद के ताबूत पर आखरी कील ठोंक दी गई है।आतंक के पर्याय खूंखार नक्सली हिड़मा और उसकी पत्नी राजे को सुरक्षा बलों ने मार गिराया है।. उसकी पत्नी राजे को भी ढेर कर दिया गया है। सुकमा जिले में आंध्रप्रदेश और छत्तीसगढ़ की सीमा पर मुठभेड़ में हिड़मा औरउसकी पत्नी राजे समेत कुल 6 नक्सली मारे गए हैं। देश के कई नक्सल प्रभावित राज्यों में मोस्ट वांटेड नक्सली हिड़मा का मारा जाना नक्सलवाद के खिलाफ लड़ाई में सुरक्षा बलों की बड़ी जीत है। अब माना जा रहा है कि केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह द्वारा दी गई डेड लाइन 31 मार्च 2026 से पहले ही नक्सलवाद का समूल नाश हो जाएगा।
छत्तीसगढ़ और आंध्रप्रदेश की सीमा से अब तक की सबसे बड़ी खबर सामने आई है। सुरक्षा बलों के मुठभेड़ में खूंखार नक्सली माड़वी हिड़मा मारा गया है।हिड़मा के साथ उसकी पत्नी राजक्का उर्फ राजे भी मारी गई है। इस मुठभेड़ के बाद 6 नक्सलियों के शव बरामद किए जा चुके हैं। आंध्रप्रदेश के ग्रेहाउंड जवानों का सर्चिंग ऑपरेशन क्षेत्र में जारी है। 43 वर्षीय कुख्यात नक्सली कमांडर माड़वी हिड़मा 26 घातक हमलों के लिए ज़िम्मेदार था। 2013 दरभा घाटी में हुए नरसंहार और 2017 सुकमा हमले में वह शामिल रहा है। माड़वी हिड़मा लंबे समय से सुरक्षा बलों के रडार पर था।
मुख्य तथ्य:
माड़वी हिड़मा का जन्म सन 1981 में सुकमा जिले के पूवर्ती गांव में हुआ था। पूवर्ती को नक्सल नर्सरी माना जाता है क्योंकि इस गांव से कई नक्सली निकले हैं। माड़वी हिड़मा नक्सलियों की सबसे घातक यूनिट पीएलजीए बटालियन नंबर-1 का प्रमुख था। वह सीपीआई (माओवादी) की सेंट्रल कमेटी का सबसे युवा सदस्य भी था। हिड़मा बस्तर क्षेत्र से सेंट्रल कमेटी में शामिल होने वाला एकमात्र आदिवासी था। उसके सिर पर 50 लाख रुपये का इनाम घोषित था।हिड़मा के साथ उसकी दूसरी पत्नी राजे (राजक्का) भी मारी गई है। हिड़मा का असली नाम संतोष है।
इन हमलों में शामिल था हिड़मा
हिड़मा कई बड़े हमलों में शामिल था। हिड़मा की संलिप्तता वाले 2010 के दंतेवाड़ा हमले में सीआरपीएफ के 76 जवान शहीद हुए थे। 2013 झीरम घाटी नरसंहार में कांग्रेस नेता विद्याचरण शुक्ल, नंदकुमार पटेल, महेंद्र कर्मा, उदय मुदलियार सहित 27 लोग मारे गए थे। 2021 में हुई सुकमा- बीजापुर मुठभेड़ में 22 सुरक्षा कर्मी शहीद हुए थे। हिड़मा पर कई राज्यों में भारी इनाम घोषित था। बसवा राजू की मौत के बाद संगठन बदलाव में देवा को माओवादी महासचिव बनाया
गया था और हिड़मा को केंद्रीय समिति की सदस्यता मिली थी। हाल ही में राज्य के उप मुख्यमंत्री एवं गृहमंत्री विजय शर्मा ने पूवर्ती गांव जाकर हिड़मा की मां से अनुरोध किया था कि आप अपने बेटे को आत्मसमर्पण के लिए प्रेरित करें। इसके बाद हिड़मा की मां ने हिड़मा से सरेंडर करने की अपील भी की थी।



