
नारायणपुर (छग)। नक्सल प्रभावित अबूझमाड़ क्षेत्र में सुरक्षा व विकास को मजबूती देने नारायणपुर पुलिस ने जाटलूर में नया ‘‘सुरक्षा एवं जन सुविधा कैंप’’ स्थापित किया। माड़ बचाव अभियान के तहत माओवादियों के लंबे समय से बने आश्रय स्थल जाटलूर में खुले इस कैंप ने ग्रामीणों में सुरक्षा का विश्वास बढ़ाया है। कैम्प स्थापना के दौरान माओवादियों के भव्य स्मारक को ध्वस्त कर विकास का संकेत भी दिया गया।
ग्रामीणों ने लिया नक्सलवाद के खात्मे का संकल्प
कैंप उद्घाटन के दौरान आसपास के गांवों — जाटलूर, मुरुमवाड़ा, कूरकास, धोबे, हरवेल — से पहुंचे ग्रामीणों ने नक्सलवाद को समाप्त करने और माओवादियों का सहयोग न करने का संकल्प लिया। बच्चों ने ‘‘भारत माता की जय’’ के नारों से माहौल जोश से भर दिया। ग्रामीणों ने कहा कि अब वे भयमुक्त होकर जीवन जी सकेंगे।
एक साल में 16वां कैम्प, 208 माओवादी कर चुके समर्पण
अबूझमाड़ में पिछले एक वर्ष में यह 16वां नया कैम्प है। क्षेत्र में तेजी से हो रहे विकास कार्यों और सुरक्षा बलों की दबाव रणनीति से प्रभावित होकर वर्ष 2024-25 में 208 माओवादी आत्मसमर्पण कर चुके हैं। वहीं विभिन्न अभियानों में 99 माओवादी मारे गए और 117 गिरफ्तार किए गए।

डीआरजी–बस्तर फाइटर–आईटीबीपी का संयुक्त अभियान
13 नवंबर को नारायणपुर डीआरजी, बस्तर फाइटर और आईटीबीपी की 27वीं, 38वीं, 40वीं व 44वीं वाहिनियों ने मिलकर जाटलूर में कैंप स्थापित किया। यह स्थान थाना ओरछा से 25 किमी, कुड़मेल से 5 किमी और आदेर से 10 किमी की दूरी पर स्थित है। नक्सली गतिविधियों के लिए कुख्यात यह इलाका वर्षों से माओवादियों का आधार रहा है।
वरिष्ठ अधिकारियों ने सुनी समस्याएं
कैंप स्थापना के अवसर पर उप पुलिस महानिरीक्षक कांकेर रेंज अमित तुकाराम तथा पुलिस अधीक्षक नारायणपुर रोबिनसन गुड़िया सहित अधिकारी उपस्थित रहे। ग्रामीणों ने बिजली, सड़क, पानी, स्वास्थ्य और शिक्षा जैसी मूलभूत सुविधाओं की मांग रखी, जिसे शीघ्र पूर्ण कराने का आश्वासन दिया गया। ‘‘नियद नेल्लानार’’ के तहत जन समस्या निवारण शिविर आयोजित करने की भी जानकारी दी गई।
कम्युनिटी पुलिसिंग से बढ़ा विश्वास
कैंप ओपनिंग के दौरान ग्रामीणों को साड़ी, कपड़े, चप्पल और खेल सामग्री वितरित की गई। माओवादियों द्वारा बनाए गए स्मारक को ध्वस्त कर पुलिस ने ग्रामीणों के बीच भयमुक्त वातावरण तैयार किया। पुलिस के सहयोग से कई नक्सल समर्थक अब आत्मसमर्पण के लिए आगे आ रहे हैं।
विकास की रफ्तार को मिलेगी गति
नए कैंप की स्थापना से जाटलूर और आसपास के क्षेत्र में सड़क, पुल-पुलिया, स्कूल, स्वास्थ्य सुविधा, मोबाइल नेटवर्क सहित अन्य मूलभूत सेवाओं का विस्तार तेज होगा। सुरक्षा निगरानी मजबूत होने से निर्माण कार्यों में बाधा नहीं आएगी और क्षेत्र में स्थायी विकास सुनिश्चित होगा।
अबूझमाड़ में लगातार बढ़ रहा सुरक्षा तंत्र
वर्ष 2025 में नारायणपुर पुलिस कुतुल, कोडलियर, बेडमाकोटी, पदमकोट, कान्दुलपार, नेलांगूर, पांगूड, रायनार, एडजुम, ईदवाया, आदेर, कुड़मेल, कोंगे, सितरम, तोके और अब जाटलूर समेत कई नक्सली ठिकानों में कैम्प स्थापित कर चुकी है। इससे नक्सल उन्मूलन अभियान को नई मजबूती मिली है।
कैंप स्थापना में इनका योगदान
आईजी बस्तर रेंज पी. सुन्दराज, डीआईजी कांकेर रेंज अमित कांबले, एसपी नारायणपुर रोबिनसन गुड़िया, आईटीबीपी 44वीं वाहिनी कमांडेंट मुकेश कुमार दसमाना, सेनानी सीएएफ संदीप पटेल, एएसपी अक्षय सबद्रा, अजय कुमार, सुशील कुमार नायक, डीएसपी अभिषेक केसरी, मनोज मंडावी, आशीष नेताम, अविनाश कंवर, कुलदीप बंजारे व अजय कुमार सिंह के निर्देशन में डीआरजी, बस्तर फाइटर और आईटीबीपी ने संयुक्त रूप से महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।




