खोड़गाँव में एनएसएस शिविर का सफल समापन सात दिवसीय सेवा, जागरूकता और सीख का अनूठा संगम

नारायणपुर। ग्राम खोड़गाँव में शासकीय कन्या उच्चतर माध्यमिक विद्यालय, नारायणपुर की एनएसएस इकाई द्वारा आयोजित सात दिवसीय विशेष शिविर का समापन शनिवार दोपहर 3 बजे गरिमामय वातावरण में हुआ। मुख्य अतिथि जिला पंचायत अध्यक्ष नारायण मरकाम ने स्वयंसेविकाओं द्वारा किए गए जनजागरण, सेवा कार्यों और सामाजिक योगदान की सराहना करते हुए इसे ग्रामीण विकास और युवा नेतृत्व की उत्कृष्ट मिसाल बताया।

सात दिनों तक चले इस शिविर में एनएसएस स्वयंसेविकाओं ने “नॉट मी, बट यू” की मूल भावना को आत्मसात करते हुए विभिन्न जनहितकारी कार्यक्रमों का संचालन किया। शिविर की शुरुआत प्रभात फेरी से हुई, जिसमें स्वयंसेविकाओं ने स्वच्छता, स्वास्थ्य, शिक्षा और सामाजिक सौहार्द का संदेश गांव-गांव पहुंचाया।
शिविर के दौरान आयोजित बौद्धिक परिचर्चाओं में ग्रामीणों और विद्यार्थियों को नशामुक्त भारत, स्वच्छता के महत्व, शिक्षा, महिला सशक्तिकरण और सामाजिक उत्तरदायित्व जैसे विषयों पर प्रेरक संदेश दिए गए। स्कूली छात्राओं द्वारा प्रस्तुत छत्तीसगढ़ी पारंपरिक नृत्य और नुक्कड़ नाटकों ने उपस्थित ग्रामीणों का विशेष ध्यान आकर्षित किया। नुक्कड़ नाटक के माध्यम से नशामुक्त स्वस्थ भारत अभियान का प्रभावशाली संदेश जनसमूह तक पहुंचा।
समापन कार्यक्रम में जिला पंचायत उपाध्यक्ष प्रताप मंडावी, जनपद पंचायत अध्यक्ष पिंकी उसेंडी, जिला पंचायत सदस्य संतनाथ उसेंडी, सोमजी कावड़े, राजबती दुग्गा, सरपंच चैते नुरेटी, उपसरपंच हेमू दुग्गा, वार्ड पंच सुक्कु दुग्गा सहित अनेक ग्रामीण प्रतिनिधि उपस्थित रहे। अतिथियों ने युवाओं की सक्रिय भागीदारी को समाज के उत्थान के लिए महत्वपूर्ण बताते हुए कहा कि एनएसएस द्वारा सिखाए जाने वाले अनुशासन, सेवा भावना और नेतृत्व क्षमता भविष्य में इन छात्राओं को सशक्त नागरिक के रूप में तैयार करेगी।
कार्यक्रम में विद्यालय प्राचार्य ए. के. स्वर्णकार, एनएसएस शिविर कार्यक्रम अधिकारी चन्द्रकला लहरे, सहायक कार्यक्रम अधिकारी हरिसिंह उईके तथा प्राथमिक, मिडिल एवं हाई स्कूल के शिक्षक-शिक्षिकाओं की उपस्थिति और मार्गदर्शन ने कार्यक्रम को सफल बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। ग्रामीणों और विद्यार्थियों ने भी पूरे उत्साह के साथ शिविर की गतिविधियों में सहभागिता निभाई।
खोड़गाँव में सम्पन्न हुआ यह सात दिवसीय एनएसएस शिविर न केवल सेवा, जागरूकता और सीख का माध्यम बना, बल्कि इसने छात्राओं में नेतृत्व, सामाजिक जिम्मेदारी और सामुदायिक सहयोग की भावना को भी दृढ़ किया। कार्यक्रम ने यह संदेश स्पष्ट किया कि जब युवा समाज की मुख्यधारा में जुड़ते हैं, तब विकास और सकारात्मक परिवर्तन स्वाभाविक रूप से दिखने लगते हैं।




