एनएच-30 की बदहाली पर फूटा आक्रोश, केशकाल में आज नगर बंद
सड़क की जर्जर हालत से बढ़ा हादसों का खतरा, मरम्मत नहीं होने पर उग्र आंदोलन की चेतावनी

केशकाल। बस्तर की लाइफलाइन कही जाने वाली राष्ट्रीय राजमार्ग-30 की बदहाल स्थिति को लेकर केशकाल नगरवासियों का सब्र अब टूट गया है। लगातार उपेक्षा और मरम्मत कार्य में हो रही देरी के विरोध में नागरिकों ने 6 नवंबर को नगर बंद का ऐलान किया है।

इस संबंध में नगर के प्रतिनिधि नागरिकों ने एसडीएम केशकाल को ज्ञापन सौंपते हुए चेतावनी दी है कि यदि शीघ्र ही सड़क निर्माण और मरम्मत कार्य प्रारंभ नहीं हुआ, तो आंदोलन को और अधिक तेज किया जाएगा।
स्थानीय नागरिकों का कहना है कि सड़क पर जगह-जगह बने गड्ढों के कारण दुर्घटनाएं आम हो गई हैं। वाहन चालकों के लिए यह सड़क अब जानलेवा साबित हो रही है। वहीं, उड़ती धूल और मिट्टी से लोगों को सांस, आंख और त्वचा संबंधी समस्याएं बढ़ रही हैं। व्यापारियों और स्कूली बच्चों को भी रोजाना भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
नगर के सामाजिक संगठनों, व्यापारी संघ और युवाओं ने संयुक्त बैठक कर यह निर्णय लिया कि जब तक सड़क का काम शुरू नहीं होता, तब तक प्रशासन को चेतावनी स्वरूप चरणबद्ध आंदोलन जारी रहेगा। नगर बंद के दौरान सभी व्यापारिक प्रतिष्ठान शांतिपूर्ण रूप से बंद रहेंगे।
लोगों ने कहा — “एनएच-30 बन गई है खतरे की सड़क”
नगरवासियों ने कहा कि एनएच-30 केवल एक मार्ग नहीं, बल्कि बस्तर अंचल की जीवन रेखा है। परंतु लगातार लापरवाही और मरम्मत कार्य में ढिलाई के कारण यह सड़क अब खतरे की सड़क बन चुकी है। नागरिकों ने प्रशासन से मांग की है कि यथाशीघ्र निर्माण कार्य शुरू किया जाए ताकि आम नागरिकों और राहगीरों को राहत मिल सके।
प्रशासन को सौंपी चेतावनी — “उग्र आंदोलन की पूरी जिम्मेदारी प्रशासन की होगी”
ज्ञापन सौंपने के दौरान प्रमुख नागरिकों ने कहा कि यदि अब भी प्रशासन और संबंधित विभाग ध्यान नहीं देते, तो आंदोलन को उग्र रूप दिया जाएगा, जिसकी पूर्ण जिम्मेदारी जिला प्रशासन की होगी।
नगर बंद के दौरान नागरिकों ने शांति बनाए रखने की अपील करते हुए कहा कि यह आंदोलन जनहित में है और इसका उद्देश्य केवल क्षेत्र की जीवन रेखा बन चुकी सड़क की सुधार मांग को सरकार तक पहुंचाना है।

