आदिवासी युवाओं को मिली नई दिशा, आईटीबीपी ने किया पुणे शैक्षणिक–सांस्कृतिक भ्रमण के लिए रवाना

नारायणपुर। नक्सल प्रभावित क्षेत्र के युवाओं को मुख्यधारा से जोड़ने और उनके व्यक्तित्व एवं दृष्टिकोण को मजबूती प्रदान करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल के तहत 45वीं वाहिनी भारत-तिब्बत सीमा पुलिस बल (आईटीबीपी) ने 21 नवम्बर 2025 को 10 पुरुष एवं 10 महिला आदिवासी युवाओं को द्वितीय चरण के अंतर्गत पुणे (महाराष्ट्र) शैक्षणिक एवं सांस्कृतिक भ्रमण के लिए रवाना किया। चयनित युवक-युवतियां फरसगाँव, झारा, धौड़ाई, कन्हरगाँव और कडेनार सीओबी क्षेत्रों से चुने गए हैं।

दल को सामरिक मुख्यालय जैलवाड़ी कैंप से हरी झंडी दिखाकर रवाना किया गया। यह भ्रमण 23 से 29 नवम्बर 2025 तक चलेगा, जिसके दौरान प्रतिभागी युवा विभिन्न प्रशासनिक, शैक्षणिक एवं सांस्कृतिक संस्थाओं का अवलोकन कर नई जानकारियों और अनुभवों से समृद्ध होंगे। भारत सरकार के गृह मंत्रालय तथा युवा कल्याण एवं खेल मंत्रालय की नीतियों के अनुरूप संचालित यह पहल आदिवासी युवा आदान-प्रदान कार्यक्रम का हिस्सा है, जो नेहरू युवा केंद्र (एनवाईकेएस) के सौजन्य से प्रतिवर्ष संचालित होता है। वर्ष 2025–26 में इस कार्यक्रम के कुल चार चरण—नई दिल्ली, पुणे, अहमदाबाद एवं वाराणसी—आयोजित किए जा रहे हैं। इसी क्रम में दल को दूसरे चरण के लिए पुणे भेजा गया।
रवानगी के अवसर पर 45वीं वाहिनी के कमांडेंट राजीव गुप्ता ने युवाओं का उत्साहवर्धन किया और उन्हें राष्ट्रनिर्माण, सामाजिक दायित्व तथा व्यक्तिगत विकास की दिशा में प्रेरित किया। उन्होंने बेहतर भविष्य की शुभकामनाओं के साथ दल को पुणे के लिए विदाई दी। इस दौरान उप-कमांडेंट समित गसाई सहित अन्य अधिकारी एवं जवान भी मौजूद रहे।
आईटीबीपी की यह पहल नक्सल प्रभावित क्षेत्रों के युवाओं को देश के विभिन्न आयामों की सकारात्मक झलक दिखाने के साथ-साथ उनके आत्मविश्वास, दृष्टिकोण और राष्ट्रीय एकता की भावना को मजबूत करने की दिशा में एक सार्थक कदम मानी जा रही है। स्थानीय जनों ने भी इस प्रयास को युवाओं के उज्ज्वल भविष्य के लिए प्रेरणादायक बताया।
नारायणपुर। नक्सल प्रभावित क्षेत्र के युवाओं को मुख्यधारा से जोड़ने और उनके व्यक्तित्व एवं दृष्टिकोण को मजबूती प्रदान करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल के तहत 45वीं वाहिनी भारत-तिब्बत सीमा पुलिस बल (आईटीबीपी) ने 21 नवम्बर 2025 को 10 पुरुष एवं 10 महिला आदिवासी युवाओं को द्वितीय चरण के अंतर्गत पुणे (महाराष्ट्र) शैक्षणिक एवं सांस्कृतिक भ्रमण के लिए रवाना किया। चयनित युवक-युवतियां फरसगाँव, झारा, धौड़ाई, कन्हरगाँव और कडेनार सीओबी क्षेत्रों से चुने गए हैं।
दल को सामरिक मुख्यालय जैलवाड़ी कैंप से हरी झंडी दिखाकर रवाना किया गया। यह भ्रमण 23 से 29 नवम्बर 2025 तक चलेगा, जिसके दौरान प्रतिभागी युवा विभिन्न प्रशासनिक, शैक्षणिक एवं सांस्कृतिक संस्थाओं का अवलोकन कर नई जानकारियों और अनुभवों से समृद्ध होंगे। भारत सरकार के गृह मंत्रालय तथा युवा कल्याण एवं खेल मंत्रालय की नीतियों के अनुरूप संचालित यह पहल आदिवासी युवा आदान-प्रदान कार्यक्रम का हिस्सा है, जो नेहरू युवा केंद्र (एनवाईकेएस) के सौजन्य से प्रतिवर्ष संचालित होता है। वर्ष 2025–26 में इस कार्यक्रम के कुल चार चरण—नई दिल्ली, पुणे, अहमदाबाद एवं वाराणसी—आयोजित किए जा रहे हैं। इसी क्रम में दल को दूसरे चरण के लिए पुणे भेजा गया।
रवानगी के अवसर पर 45वीं वाहिनी के कमांडेंट राजीव गुप्ता ने युवाओं का उत्साहवर्धन किया और उन्हें राष्ट्रनिर्माण, सामाजिक दायित्व तथा व्यक्तिगत विकास की दिशा में प्रेरित किया। उन्होंने बेहतर भविष्य की शुभकामनाओं के साथ दल को पुणे के लिए विदाई दी। इस दौरान उप-कमांडेंट समित गसाई सहित अन्य अधिकारी एवं जवान भी मौजूद रहे।
आईटीबीपी की यह पहल नक्सल प्रभावित क्षेत्रों के युवाओं को देश के विभिन्न आयामों की सकारात्मक झलक दिखाने के साथ-साथ उनके आत्मविश्वास, दृष्टिकोण और राष्ट्रीय एकता की भावना को मजबूत करने की दिशा में एक सार्थक कदम मानी जा रही है। स्थानीय जनों ने भी इस प्रयास को युवाओं के उज्ज्वल भविष्य के लिए प्रेरणादायक बताया।




