नारायणपुर

अबूझमाड़ में विकास की नई दस्तक – पदमेटा में खुला 19वां सुरक्षा व जन सुविधा कैम्प, ग्रामीणों में दिखा उत्साह

नारायणपुर / 22 नवंबर 2025

नक्सल मुक्त और सशक्त बस्तर की दिशा में निर्णायक कदम बढ़ाते हुए नारायणपुर पुलिस ने अबूझमाड़ के घोर नक्सल प्रभावित ग्राम पदमेटा में शुक्रवार को नवीन सुरक्षा एवं जन सुविधा कैम्प स्थापित किया। पिछले एक वर्ष के भीतर 19वां कैम्प स्थापित कर सुरक्षा एजेंसियों ने यह स्पष्ट संदेश दिया है कि अब अबूझमाड़ विकास के साथ आगे बढ़ रहा है तथा माओवादी प्रभाव तेजी से सिमट रहा है।

कैम्प स्थापना माड़ बचाओ अभियान के तहत थाना ओरछा क्षेत्र में की गई है, जिसका उद्देश्य सड़कों के निर्माण, मोबाइल नेटवर्क, शिक्षा–चिकित्सा और अन्य मूलभूत सुविधाओं को अंदरूनी गांवों तक पहुंचाना है। कैम्प खुलने के बाद क्षेत्र के ग्रामीणों में सुरक्षा, विश्वास और उत्साह का माहौल देखने को मिल रहा है।


पहुँच की दूरी और भौगोलिक स्थिति

नवीन कैम्प पदमेटा थाना ओरछा अंतर्गत स्थित है तथा

  • ओरछा से 35 किमी
  • आदेर से 30 किमी
  • कुड़मेल से 15 किमी
  • जाटलूर से 14 किमी
  • डोडीमरका से 6 किमी की दूरी पर स्थित है।

कैम्प स्थापित होने से ताडवाडा, रासमेटा, मलंगा, हिपु, करंगुल, मुरूमवाडा और कुमनार जैसे अंदरूनी गांवों तक सड़क, पुल–पुलिया, मोबाइल नेटवर्क कनेक्टिविटी, शिक्षा व स्वास्थ्य सेवाओं के विस्तार की प्रक्रिया और अधिक तेज होगी।


वर्ष 2025 में लगातार विस्तार

नारायणपुर पुलिस ने वर्ष 2025 के दौरान अबूझमाड़ में नक्सलियों के प्रभाव वाले कई इलाकों —
कुतुल, कोडलियर, बेडमाकोटी, पदमकोट, कान्दुलपार, नेलांगूर, पांगूड, रायनार, एडजुम, ईदवाया, आदेर, कुड़मेल, कोंगे, सितरम, तोके, जाटलूर, धोबे, डोडीमरका और अब पदमेटा — में कैम्प स्थापित किए हैं।
यह उपलब्धि बस्तर क्षेत्र में नक्सल विरोधी अभियान के मजबूत होते कदम को दर्शाती है।


वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देशन में हुआ अभियान

कैम्प स्थापना अभियान में निम्न अधिकारियों का मार्गदर्शन एवं योगदान रहा—

  • पी. सुन्दराज — पुलिस महानिरीक्षक, बस्तर रेंज जगदलपुर
  • अमित कांबले (भा.पु.से.) — पुलिस उप महानिरीक्षक, कांकेर रेंज
  • रोबिनसन गुरिया — पुलिस अधीक्षक, नारायणपुर
  • मुकेश कुमार दसमाना — कमांडेंट, आईटीबीपी 44वीं वाहिनी
  • पी.पी. सिद्दकी — टू-आईसी, आईटीबीपी 44वीं वाहिनी
  • सेनानी संदीप पटेल — 16वीं बटालियन सी.ए.एफ
    साथ ही अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक और उप पुलिस अधीक्षक स्तर के अधिकारियों तथा नारायणपुर डीआरजी, बस्तर फाइटर और आईटीबीपी 27वीं, 38वीं, 40वीं और 44वीं वाहिनी ने अहम भूमिका निभाई।

ग्रामीणों के लिए उम्मीद की नई रोशनी

पदमेटा में कैम्प खुलने से सुरक्षा बलों के साथ-साथ विकास कार्यों के लिए मार्ग सहज हुआ है। ग्रामीणों में विश्वास बढ़ा है कि अब अंदरूनी गांव अंधेरे से निकलकर मुख्यधारा से जुड़ेंगे।
स्थानीय जानकारों के अनुसार, सड़कों और मोबाइल नेटवर्क के विस्तार से क्षेत्र में व्यापार, शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं के नए द्वार खुलेंगे।

अबूझमाड़ में लगातार कैम्प स्थापना और विकास की बढ़ती गतिविधियां संकेत दे रही हैं कि बस्तर नक्सलवाद के डर से विकास की दिशा की ओर निर्णायक कदम रख चुका है। पदमेटा में स्थापित नवीन कैम्प इस परिवर्तन की मजबूत कड़ी माना जा रहा है।

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