अबूझमाड़ में जनपद पंचायत अध्यक्ष का आश्रम शालाओं का निरीक्षण
बच्चों की शिक्षा, भोजन और गर्म कपड़ों की व्यवस्थाओं का लिया जायजा

नारायणपुर। अबूझमाड़ के दुर्गम अंचल में बच्चों की शिक्षा और बुनियादी सुविधाओं की स्थिति का जायजा लेने जनपद पंचायत ओरछा के अध्यक्ष नरेश कोर्राम ने आश्रम शालाओं का औचक निरीक्षण किया। वे जाटलूर, कुड़मेल और ढोढरबेड़ा के बालक आश्रमों में बाइक से ही पहुंचे और व्यवस्थाओं का विस्तार से निरीक्षण किया।

अध्यक्ष ने आश्रम शालाओं में शिक्षकों और बच्चों से सीधे संवाद कर उनकी पढ़ाई, कक्षाओं की स्थिति और दैनिक गतिविधियों की जानकारी ली। बच्चों ने भी अपनी पढ़ाई, रुचियों और दिनचर्या से संबंधित बातें उत्साहपूर्वक साझा कीं।
निरीक्षण के दौरान उन्होंने आश्रमों में भोजन, आवास, साफ-सफाई, पेयजल, शौचालय और स्वास्थ्य सुविधाओं की स्थिति का मूल्यांकन किया। बढ़ती सर्दी को देखते हुए उन्होंने गर्म कपड़े, स्वेटर, मोजे और कंबल की उपलब्धता पर विशेष ध्यान दिया। अध्यक्ष ने वार्डन और शिक्षकों को निर्देश दिए कि ठंड से किसी बच्चे को तकलीफ न हो इसके लिए सभी आवश्यक सामग्री समय पर उपलब्ध कराई जाए।
भोजन व्यवस्था की जांच के दौरान नरेश कोर्राम ने स्वयं भोजन का स्वाद चखकर उसकी गुणवत्ता और रसोईघर की साफ-सफाई की समीक्षा की। उन्होंने सुनिश्चित किया कि बच्चों को पौष्टिक और संतुलित भोजन ही मिले।
उन्होंने शिक्षकों को नियमित कक्षाएं संचालित करने, बच्चों में पढ़ाई के प्रति रुचि बढ़ाने और अभिभावकों से संपर्क बनाए रखने के निर्देश दिए। कोर्राम ने कहा कि अबूझमाड़ के बच्चे अत्यंत प्रतिभावान हैं और उचित अवसर मिलने पर वे हर क्षेत्र में उत्कृष्ट प्रदर्शन कर सकते हैं।
उन्होंने आश्वासन दिया कि आश्रम शालाओं की कमियों और आवश्यकताओं को जल्द ही संबंधित विभागों के माध्यम से पूरा किया जाएगा। उन्होंने कहा, “इन बच्चों का भविष्य सुरक्षित रखना और उन्हें बेहतर शिक्षा-सुविधाएं उपलब्ध कराना हमारी प्राथमिक जिम्मेदारी है।”
जनपद पंचायत अध्यक्ष का यह निरीक्षण दुर्गम अबूझमाड़ में शिक्षा व्यवस्था को और सुदृढ़ करने तथा बच्चों में उत्साह बढ़ाने वाली पहल के रूप में देखा जा रहा है। कोर्राम ने कहा कि वे ऐसे निरीक्षण नियमित रूप से करते रहेंगे, ताकि हर बच्चा सुरक्षित, स्वस्थ और शिक्षित माहौल में आगे बढ़ सके।




