शिक्षक के तबादले पर छोटे फरसगांव के ग्रामीणों की आपत्ति, कहा-बच्चों की पढ़ाई न हो प्रभावित

बच्चों के भविष्य को लेकर प्रशासन से लगाई गुहार, नक्सलमुक्त गांव में दिखी नई जागरूकता…
नारायणपुर। नक्सल प्रभावित इलाकों से धीरे-धीरे विकास की राह पकड़ते छोटे फरसगांव के ग्रामीण अब शिक्षा को लेकर भी सजग नजर आ रहे हैं। हाल ही में प्राथमिक शाला छोटे फरसगांव में पदस्थ एक योग्य शिक्षक के तबादले की खबर सामने आते ही ग्रामीणों में असंतोष व्याप्त हो गया। ग्रामीणों ने इस निर्णय पर आपत्ति जताते हुए जिला प्रशासन से शिक्षक का तबादला रोकने की मांग की है।
ग्रामीणों का कहना है कि संबंधित शिक्षक न केवल बच्चों को समर्पण भाव से पढ़ाते थे, बल्कि शिक्षा के प्रति उनमें रुचि जगाने का काम भी कर रहे थे। उनके मार्गदर्शन में बच्चों की पढ़ाई में सुधार देखने को मिला था। ग्रामीणों का आरोप है कि अन्य शिक्षक उतनी मेहनत नहीं करते, जिससे बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हो सकती है।
गांव के बुजुर्गों ने बताया कि वर्षों तक नक्सलवाद के कारण बच्चों की शिक्षा ठप सी हो गई थी। अब जब गांव में शांति का वातावरण है, तो वे अपने बच्चों को बेहतर शिक्षा देना चाहते हैं। ऐसे में योग्य शिक्षक का तबादला बच्चों के भविष्य पर प्रतिकूल असर डाल सकता है।
ग्रामीण प्रतिनिधियों ने इस विषय को लेकर जिला प्रशासन से मुलाकात की। प्रशासन ने उनकी मांग को गंभीरता से लेते हुए आश्वासन दिया कि बच्चों के हित को ध्यान में रखकर उचित निर्णय लिया जाएगा। अपर कलेक्टर ने ग्रामीणों को भरोसा दिलाया कि शिक्षा की गुणवत्ता से समझौता नहीं होने दिया जाएगा।
इस पहल से ग्रामीणों में प्रशासन के प्रति विश्वास और मजबूत हुआ है। छोटे फरसगांव जैसे नक्सलमुक्त हो चुके गांवों में अब विकास और शिक्षा की नई रोशनी फैल रही है।




