बदलते बस्तर की नई कहानी – भय नहीं, भविष्य बनेगा पहचान : केदार कश्यप

बदलते बस्तर की नई कहानी – भय नहीं, भविष्य बनेगा पहचान : केदार कश्यप
नारायणपुर। कभी नक्सल हिंसा और भय की छाया में रहने वाला बस्तर अब तेजी से परिवर्तन की दिशा में कदम बढ़ा रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में क्षेत्र विकास, विश्वास और बदलाव की नई पहचान बना रहा है।
छत्तीसगढ़ सरकार के कैबिनेट मंत्री और नारायणपुर विधायक केदार कश्यप ने कहा कि “बस्तर का चेहरा बदल रहा है, अब यह भय नहीं बल्कि भविष्य की पहचान बनेगा।” उन्होंने कहा कि केंद्र और राज्य सरकार की संयुक्त रणनीति से जो कार्य कभी असंभव प्रतीत होता था, आज वह धरातल पर उतर रहा है।
कश्यप ने कहा कि बस्तर में नक्सलवाद अब अपने अंतिम चरण में है। प्रधानमंत्री मोदी और गृह मंत्री अमित शाह की दृढ़ नीति और जनता के सहयोग से क्षेत्र में स्थायी शांति की नींव रखी जा चुकी है। गृह मंत्री अमित शाह द्वारा घोषित 31 मार्च 2026 तक देश को नक्सलवाद से मुक्त करने का लक्ष्य केवल घोषणा नहीं, बल्कि एक ऐतिहासिक संकल्प है।
कश्यप ने बताया कि सरकार की “सरेंडर पॉलिसी” का असर अब स्पष्ट दिख रहा है। बड़ी संख्या में नक्सली संगठन छोड़कर मुख्यधारा में लौट रहे हैं और समाज के पुनर्निर्माण में भागीदार बन रहे हैं। विकास योजनाओं से जुड़कर वे शिक्षा, कृषि और स्वरोजगार के माध्यम से सकारात्मक परिवर्तन ला रहे हैं।
उन्होंने कहा कि शिक्षा, स्वास्थ्य, सड़क, संचार और रोजगार जैसे क्षेत्रों में अभूतपूर्व प्रगति हुई है। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में प्रदेश सरकार अंतिम व्यक्ति तक विकास पहुंचाने के लक्ष्य पर कार्य कर रही है। गांव-गांव तक सड़कें, बिजली, इंटरनेट और शिक्षा सुविधाएं पहुंच रही हैं।
कश्यप ने कहा कि बस्तर के युवा अब भयमुक्त होकर शिक्षा और स्वरोजगार की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं। सरकार की योजनाओं से उन्हें तकनीकी प्रशिक्षण और आत्मनिर्भरता के अवसर मिल रहे हैं।
उन्होंने कहा कि “बस्तर के जंगल अब बंदूक की आवाज़ से नहीं, बल्कि विकास की गूंज से गूँज रहे हैं। यह परिवर्तन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास’ के मंत्र की सजीव मिसाल है।”
कश्यप ने कहा कि बस्तर का हर नागरिक अब विकास का दूत बन चुका है। गांवों में अब सड़क, स्कूल, अस्पताल और रोजगार की नई रोशनी है। यह परिवर्तन केवल प्रशासनिक प्रयासों का नहीं, बल्कि जनता के विश्वास और सहयोग की जीत है।
अंत में उन्होंने कहा, “हमारा संकल्प स्पष्ट है — नया बस्तर, भयमुक्त समाज, नक्सलमुक्त छत्तीसगढ़, आत्मनिर्भर भारत और 2026 तक नक्सलवाद का पूर्ण उन्मूलन। यह केवल सरकार का नहीं, बल्कि हर नागरिक का अभियान है।”




