दीपावली पर माड़ीन देवी वार्ड में रंगोली प्रतियोगिता से खिला उत्सव- दीपों की रौशनी संग झिलमिलाई संस्कृति की चमक

दीपावली पर माड़ीन देवी वार्ड में रंगोली प्रतियोगिता से खिला उत्सव- दीपों की रौशनी संग झिलमिलाई संस्कृति की चमक

नारायणपुर। दीपावली का पर्व इस बार नगर के माड़ीन देवी वार्ड में कुछ अलग ही अंदाज में मनाया जा रहा है। हर घर, हर आंगन सजा है, हर दीवार मुस्कुरा रही है, और हर कोने में रंगों की खुशबू बिखरी है। अवसर था वार्ड पार्षद प्रवीण जैन की ओर से आयोजित “अपने आंगन को सजाओ – रंगोली प्रतियोगिता” का, जिसने दीपोत्सव को और अधिक जीवंत, रचनात्मक और सांस्कृतिक बना दिया।


जहां दीपावली पर सामान्यतः घरों में दीप जलाकर परिवारजन लक्ष्मी पूजन करते हैं, वहीं इस बार माड़ीन देवी वार्ड में सृजन की नई परंपरा ने जन्म लिया। प्रतियोगिता ने पूरे वार्ड को एक रंगीन उत्सव स्थल में बदल दिया। महिलाएं और युवतियां अपने-अपने घरों के आंगन में पारंपरिक रंगों और कल्पनाओं से ऐसी अद्भुत रंगोलियां रच रही हैं, मानो धरती पर ही कला का उत्सव उतर आया हो।

रंगों से सजी संस्कृति की झलक
वार्ड की गलियों में घूमने पर ऐसा प्रतीत होता है मानो पूरा इलाका किसी उत्सव स्थल में बदल गया हो। भगवान राम-सीता के चित्र, गोवर्धन पर्वत की झांकी, दीपों की पंक्तियां, मोर, कलश, कमल और परंपरागत आकृतियों से सजे आंगन संस्कृति की गहराई को दर्शा रहे हैं।
रंगोली की हर रेखा, हर फूल, हर आकृति भारतीय परंपरा का संदेश दे रही है — “रंग ही जीवन हैं, संस्कृति ही पहचान।”
पार्षद की पहल से उमड़ा उत्साह
पार्षद प्रवीण जैन ने बताया कि इस प्रतियोगिता का उद्देश्य न केवल वार्ड को सुंदर बनाना है, बल्कि वार्ड की प्रतिभाशाली महिलाओं और युवतियों को एक मंच देना भी है। उन्होंने कहा, “हर घर का आंगन किसी न किसी कलाकार का कैनवास है, बस जरूरत है उस कला को पहचानने और प्रोत्साहन देने की। दीपावली इस सकारात्मक ऊर्जा का प्रतीक है, और रंगोली इसका सृजनात्मक विस्तार।”
जैन ने बताया कि प्रतियोगिता में हर प्रतिभागी अपनी रंगोली का वीडियो उन्हें भेज रहा है। इन सभी प्रविष्टियों में से सर्वश्रेष्ठ रंगोली का चयन कर सम्मानित किया जाएगा। उनका कहना है कि “यह सिर्फ एक प्रतियोगिता नहीं, बल्कि सामूहिक उत्सव का रूप है, जिसमें पूरा वार्ड एक परिवार की तरह जुड़ा हुआ है।”
महिलाओं और युवतियों में जोश
वार्ड की महिलाओं और युवतियों में उत्साह देखने लायक है। गृहिणी कविता जैन ने बताया, “हम हर साल दीपावली पर रंगोली बनाते हैं, लेकिन इस बार प्रतियोगिता होने से कुछ नया और खास महसूस हो रहा है। अब हमारी मेहनत और रचनात्मकता को पहचान मिलेगी।”
वहीं युवती रितिका साहू ने कहा, “इस तरह के आयोजन हमें अपनी संस्कृति से जोड़े रखते हैं और समाज में एकता की भावना को मजबूत करते हैं। यह वार्ड के लिए गर्व की बात है कि दीपावली जैसी परंपरा को इस सुंदर रूप में मनाया जा रहा है।”
सृजन, संस्कार और सहयोग का संगम
माड़ीन देवी वार्ड की यह पहल केवल एक प्रतियोगिता नहीं, बल्कि सांस्कृतिक पुनर्जागरण का उदाहरण बन गई है। यहां दीपों की रौशनी में रंगों की छटा और सृजन की ऊर्जा का संगम देखने को मिल रहा है।
घर-घर में दीपों की मालाएं टिमटिमा रही हैं, बच्चे फूल-पत्तियों से बने डिजाइनों को देखकर खुश हो रहे हैं, और हर ओर उमंग का वातावरण है। यह आयोजन न केवल सुंदरता का प्रतीक बना है, बल्कि लोगों में सामुदायिक एकता, सृजनशीलता और परंपरा के प्रति गर्व की भावना भी जागृत कर रहा है।
वार्ड में दीपोत्सव का नया अध्याय
दीपावली की रात जब पूरा वार्ड दीपों की रोशनी में नहाया होगा, तब इन रंगोलियों की आभा उस रोशनी को और निखार देगी। यह पहल आने वाले वर्षों के लिए प्रेरणा बनेगी कि कैसे छोटे प्रयासों से बड़े सामाजिक परिवर्तन संभव हैं।
वार्डवासियों का कहना है कि पार्षद प्रवीण जैन की यह सोच “सिर्फ सफाई और सजावट तक सीमित नहीं है, बल्कि यह समाज को जोड़ने वाली कड़ी” बन गई है। हर व्यक्ति इस आयोजन को अपनेपन और गर्व से जोड़कर देख रहा है।
दीपावली का यह उत्सव माड़ीन देवी वार्ड में सिर्फ रोशनी नहीं लाया, बल्कि उम्मीद, एकता और संस्कृति का नया उजाला भी लेकर आया है।
अंत में कहा जा सकता है —
“जहां दीप जलें, वहां अंधकार मिटे;
और जहां रंग बिखरें, वहां मन भी खिल उठे।
माड़ीन देवी वार्ड की रंगोली प्रतियोगिता ने यही संदेश दिया —
कि दीपावली सिर्फ एक पर्व नहीं, बल्कि एकता, कला और संस्कार का उत्सव है।”




