शिक्षक दिवस पर शिक्षकों का हुआ सम्मान

शिक्षक दिवस पर शिक्षकों का हुआ सम्मान, विद्यार्थियों ने प्रस्तुत किए सांस्कृतिक कार्यक्रम…
नारायणपुर। शिक्षक दिवस के अवसर पर शुक्रवार को बालक उच्चतर माध्यमिक विद्यालय, नारायणपुर में गरिमामय शिक्षक सम्मान समारोह का आयोजन किया गया। समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में नुजहत खुर्शीद आजाद (सेवानिवृत्त व्याख्यता) उपस्थित रहीं, जबकि कार्यक्रम की अध्यक्षता प्राचार्य मनोज बागड़े ने की।
विशिष्ट अतिथियों में ज्ञानदीप पुरस्कार से सम्मानित सेवानिवृत्त प्रधान अध्यापक विपुल कुमार सरकार, राज्यपाल पुरस्कार से सम्मानित सेवानिवृत्त प्रधान अध्यापक कुशप्रसाद देवांगन, सेवानिवृत्त प्रधान अध्यापक अजय प्रसाद रंघाटी, सेवानिवृत्त शिक्षक ए.के. फारूकी, पार्षद जय वट्टी, शाला प्रबंधन एवं विकास समिति अध्यक्ष सुदीप झा तथा सदस्य राजकुमारी देवांगन मंच पर विशेष रूप से मौजूद रहे।
समारोह की शुरुआत मां सरस्वती की प्रतिमा पर दीप प्रज्वलन व पूजा-अर्चना से हुई। इसके बाद विद्यार्थियों ने सभी अतिथियों व गुरुजनों का पुष्पगुच्छ एवं श्रीफल भेंट कर स्वागत किया। शाला प्रबंधन एवं विकास समिति अध्यक्ष सुदीप झा ने मंचासीन अतिथियों एवं शिक्षकों को शॉल व श्रीफल भेंटकर सम्मानित किया।
मुख्य अतिथि नुजहत खुर्शीद आजाद सहित मंचासीन अतिथियों ने अपने उद्बोधन में कहा कि शिक्षक समाज की रीढ़ होते हैं, जिनकी शिक्षा और प्रेरणा से विद्यार्थियों का भविष्य उज्ज्वल होता है। प्राचार्य मनोज बागड़े ने विद्यार्थियों को जीवन में अनुशासन, परिश्रम और संस्कार अपनाने की सीख दी। विद्यालय के व्याख्याता परमानंद भूआर्य, श्वेता तिवारी, आईटी ट्रेनर भावना नाग व शिक्षिका कुसुमलता बघेल ने भी अपने विचार साझा किए।
इस अवसर पर विद्यार्थियों ने शिक्षकों को समर्पित गीत, नृत्य, भाषण व कहानी जैसी विविध सांस्कृतिक प्रस्तुतियां दीं। मंच संचालन कक्षा 12वीं (कृषि) के छात्र राजलाल गावड़े एवं कक्षा 12वीं (वाणिज्य) की छात्रा श्रिया नाथ ने आत्मविश्वास व कुशलता के साथ किया।
समापन में उपस्थित सभी विद्यार्थियों ने गुरुजनों के प्रति सम्मान व्यक्त करते हुए तालियों से सभागार गूंजा दिया। यह आयोजन न केवल शिक्षकों के प्रति आभार व्यक्त करने का माध्यम बना, बल्कि विद्यार्थियों में संस्कार, अनुशासन और आदर्श मूल्यों के संचार का भी सजीव उदाहरण प्रस्तुत कर गया।




