नक्सल प्रभावित नारायणपुर जिले में भक्ति और उल्लास से गूंजा गणेश विसर्जन

नक्सल प्रभावित नारायणपुर जिले में भक्ति और उल्लास से गूंजा गणेश विसर्जन
नारायणपुर। नक्सल प्रभावित क्षेत्र के रूप में पहचाने जाने वाले नारायणपुर जिले ने इस वर्ष गणेशोत्सव पर भक्ति और उत्सव का ऐसा रंग बिखेरा जिसने पूरे जिले को नई ऊर्जा और संदेश दिया। दस दिनों तक घर-घर और सार्वजनिक पंडालों में विधिविधान से पूजे गए गणपति बप्पा की विदाई रविवार को धूमधाम और श्रद्धा भाव के साथ की गई।

गांव से लेकर शहर तक, हर जगह गणपति बप्पा की शोभा यात्रा ने उत्सव का माहौल बना दिया। हाथों में झंडे थामे बच्चे, डीजे और ढोल-नगाड़ों की थाप पर थिरकते युवक-युवतियां, पारंपरिक वेशभूषा में सजे श्रद्धालु और ‘गणपति बप्पा मोरया, अगले बरस तू जल्दी आ’ के गगनभेदी नारों से नारायणपुर की गलियां भक्तिमय वातावरण से सराबोर हो उठीं।
गणेशोत्सव की शुरुआत से ही जिले में सामाजिक सौहार्द और सांस्कृतिक एकता का परिचय मिला। युवाओं व स्कूली बच्चों की पहल पर कई स्थानों पर भजन, कीर्तन, सांस्कृतिक कार्यक्रम और समाजसेवी गतिविधियों का आयोजन हुआ। दस दिनों तक भक्तिमय माहौल में लोग एकजुट होकर न सिर्फ पूजा-अर्चना करते रहे बल्कि समाज में भाईचारे और शांति का संदेश भी फैलाते रहे।
विसर्जन के लिए प्रशासन ने पूर्व तैयारियां की थीं। नगर पंचायत, पुलिस और जिला प्रशासन ने सुरक्षा व यातायात व्यवस्था के साथ ही पर्यावरणीय नियमों का पालन सुनिश्चित किया। निर्धारित स्थानों पर प्रतिमाओं का विसर्जन किया गया। युवाओं ने आगे बढ़कर जागरूकता का परिचय दिया और विसर्जन के बाद आसपास के क्षेत्रों में स्वच्छता अभियान भी चलाया।
नारायणपुर जैसे संवेदनशील जिले में यह गणेशोत्सव सिर्फ धार्मिक आयोजन न होकर शांति, एकता और सामाजिक समरसता का प्रतीक बन गया। भक्ति गीतों और उल्लास के बीच लोगों ने यह साबित कर दिया कि परिस्थितियां चाहे कितनी भी कठिन क्यों न हों, आस्था और सकारात्मकता के साथ समाज में नई दिशा दी जा सकती है।
गणपति बप्पा की विदाई के साथ श्रद्धालु अगले बरस के स्वागत की तैयारी के संकल्प के साथ लौटे। उनके हृदय में यही स्वर गूंजता रहा—
“गणपति बप्पा मोरया, अगले बरस तू जल्दी आ।”




