भाला फेंक दिवस पर नारायणपुर में एथलेटिक्स का जलवा

रविंदर और नेहा बने चैंपियन, खिलाड़ियों ने दिखाया दमखम
नारायणपुर। टोक्यो ओलंपिक में महान एथलीट नीरज चोपड़ा द्वारा भारत को दिलाए गए ऐतिहासिक स्वर्ण पदक की स्मृति में प्रतिवर्ष 7 अगस्त को भाला फेंक दिवस के रूप में मनाया जाता है। इसी कड़ी में नारायणपुर जिला एथलेटिक्स संघ द्वारा रामकृष्ण मिशन आश्रम के खेल मैदान में सीनियर एवं जूनियर वर्ग के लिए भाला फेंक प्रतियोगिता का भव्य आयोजन किया गया।

प्रेरणादायी रहा आयोजन
छत्तीसगढ़ एथलेटिक्स संघ के प्रदेश अध्यक्ष महेन्द्र आहूजा एवं महासचिव अमरनाथ सिंह के मार्गदर्शन में हुए इस आयोजन में जिला स्तर पर खिलाड़ियों में गजब का उत्साह देखने को मिला। आयोजन की अध्यक्षता जिला एथलेटिक्स संघ के अध्यक्ष अनिल खोबरागड़े ने की, जबकि मुख्य अतिथि के रूप में रामकृष्ण मिशन आश्रम के सचिव स्वामी व्याप्तानन्द जी महाराज उपस्थित रहे।

प्रतियोगिता का शुभारंभ पारंपरिक विधि से हुआ। मुख्य अतिथि एवम अध्यक्ष संघ के सचिव नरेंद्र मेश्राम द्वारा खिलाड़ियों से परिचय प्राप्त कर उनका उत्साहवर्धन किया गया। इसके बाद अध्यक्ष अनिल खोबरागड़े ने प्रतीकात्मक रूप से भाला फेंक कर प्रतियोगिता का विधिवत शुभारंभ किया।

खिलाड़ियों ने दिखाया दमखम
प्रतियोगिता में सीनियर और जूनियर दोनों वर्गों में बालक-बालिकाओं के बीच जोरदार मुकाबले देखने को मिले। परिणाम इस प्रकार रहे—
सीनियर बालक वर्ग:
- प्रथम स्थान: रविंदर कुमार
- द्वितीय स्थान: सुरेश कोवाची
- तृतीय स्थान: मैनू राम
जूनियर बालक वर्ग:
- प्रथम स्थान: रज्जू सलाम
- द्वितीय स्थान: डमरू
- तृतीय स्थान: संतू राम
सीनियर बालिका वर्ग:
- प्रथम स्थान: नेहा उसेंडी
- द्वितीय स्थान: कल्याणी पावे
- तृतीय स्थान: अपराजिता उसेंडी
जूनियर बालिका वर्ग:
- प्रथम स्थान: भुवनेश्वरी
- द्वितीय स्थान: सृष्टि सोरी
- तृतीय स्थान: अनुप्रभा
विजेताओं का सम्मान
प्रतियोगिता में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ियों को मुख्य अतिथि स्वामी व्याप्तानन्द जी महाराज द्वारा पुरस्कृत कर सम्मानित किया गया। उन्होंने कहा कि खेल न केवल शारीरिक विकास का माध्यम है, बल्कि यह अनुशासन, समर्पण और नेतृत्व जैसे गुणों का भी निर्माण करता है।
आयोजन में रहा सहयोग
इस अवसर पर श्री सुजान सेन, एथलेटिक्स कोच विपिन द्विवेदी, खेल प्रभारी हनुमंत राव, लोचन बघेल, रोहित यादव, सुनकू, तुलसी मंडावी सहित अन्य खेलप्रेमी एवं अधिकारी उपस्थित रहे। सभी के सामूहिक प्रयास से प्रतियोगिता सफलतापूर्वक संपन्न हुई।
यह आयोजन न केवल खिलाड़ियों के लिए प्रतियोगी मंच बना, बल्कि नीरज चोपड़ा जैसे खिलाड़ियों के योगदान को स्मरण करते हुए नई पीढ़ी को प्रेरित करने का अवसर भी बना। जिला एथलेटिक्स संघ की यह पहल निश्चित ही खेल संस्कृति को बढ़ावा देने की दिशा में एक सकारात्मक कदम है।




