अबूझमाड़ को विकास पथ से जोड़ेगी नई सड़क, वनमंत्री केदार कश्यप के प्रयासों को मिली बड़ी सफलता

पल्ली–छोटेडोंगर–ओरछा मार्ग के पुनर्निर्माण हेतु 54.74 करोड़ की प्रशासकीय स्वीकृति जारी
नारायणपुर, 19 जुलाई | जिले के दुर्गम आदिवासी अंचल अबूझमाड़ की वर्षों पुरानी मांग आखिरकार पूरी हो गई। राज्य सरकार ने पल्ली–छोटेडोंगर–ओरछा मार्ग (किमी 13.00 से 31.00 तक) के मजबूतीकरण एवं पुनर्निर्माण कार्य के लिए 54.74 करोड़ रुपये की प्रशासकीय स्वीकृति प्रदान की है। इस ऐतिहासिक निर्णय से क्षेत्रवासियों में हर्ष की लहर है।
वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री तथा नारायणपुर विधायक केदार कश्यप के सतत प्रयासों और जनआंदोलनों के परिणामस्वरूप यह मंजूरी संभव हो सकी है। वर्षों से जर्जर इस मार्ग पर चलना लोगों के लिए संकट से कम नहीं था। ग्रामीणों को स्वास्थ्य, शिक्षा, बाजार और प्रशासनिक सेवाओं तक पहुंचने में भारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता था। सड़क की हालत इतनी खराब थी कि बरसात के दिनों में कई गांवों का जिला मुख्यालय से संपर्क पूरी तरह कट जाता था।
स्थानीय निवासी जगदीश ने बताया कि यह सड़क केवल पगडंडी बनकर रह गई थी, लेकिन अब सरकार की मंजूरी से लोगों की वर्षों की पीड़ा समाप्त होने जा रही है। उन्होंने याद किया कि जब भाजपा विपक्ष में थी, उस समय केदार कश्यप के नेतृत्व में इस सड़क को लेकर लगातार आंदोलन, धरना, प्रदर्शन और ज्ञापन सौंपे गए थे। “हमने संघर्ष किया और अब उसका परिणाम हमारे सामने है,” उन्होंने कहा।
वनमंत्री केदार कश्यप ने स्वीकृति की घोषणा करते हुए कहा, “यह सड़क सिर्फ डामर और कंक्रीट नहीं, बल्कि अबूझमाड़ की आशाओं, संघर्षों और विकास की नींव है। हमने जब विपक्ष में थे, तब भी इसके लिए आवाज उठाई और आज उसे धरातल पर लाने का अवसर मिला है। ये सिर्फ शुरुआत है – अबूझमाड़ को जोड़ने और संवारने की।”
मंत्री ने बताया कि इस सड़क के बनने से अबूझमाड़ जैसे दूरस्थ क्षेत्रों में आवागमन आसान होगा। स्वास्थ्य, शिक्षा, प्रशासनिक सुविधाओं तक सुगम पहुंच बनेगी, वहीं खनिज परिवहन को भी नया मार्ग मिलेगा। इसके अलावा निर्माण के दौरान स्थानीय श्रमिकों को रोजगार मिलेगा और सड़क तैयार होने के बाद परिवहन सेवाओं में भी नए अवसर पैदा होंगे।
सरकार की दूरदृष्टि का प्रतीक है यह स्वीकृति
यह निर्णय छत्तीसगढ़ सरकार की आदिवासी अंचलों के प्रति संवेदनशीलता और विकास के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाता है। लंबे समय से उपेक्षित इस मार्ग का अब पुनर्निर्माण होगा, जिससे न केवल नारायणपुर बल्कि ओरछा जैसे क्षेत्र भी मुख्यधारा से जुड़ सकेंगे।




