हिंदी पत्रकारिता और साहित्य सृजन में उत्कृष्ट योगदान के लिए अभिषेक बनर्जी को डॉक्टरेट की मानद उपाधि

नई दिल्ली में आयोजित समारोह में हुआ सम्मान, सांसदों ने दी शुभकामनाएं
नारायणपुर। हिंदी भाषा, पत्रकारिता और साहित्यिक लेखन के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान देने वाले नारायणपुर के युवा लेखक अभिषेक बेनर्जी को डॉक्टरेट की मानद उपाधि से सम्मानित किया गया है। यह उपाधि उन्हें पंडित दीनदयाल उपाध्याय हिंदी विद्यापीठ, नई दिल्ली द्वारा प्रदान की गई।
नई दिल्ली के पश्चिम विहार स्थित रेडिसन ब्लू होटल में आयोजित भव्य सम्मान समारोह में अभिषेक को “विद्यावाचस्पति” की उपाधि से नवाजा गया। यह उपाधि हिंदी भाषा की सेवा, निष्पक्ष पत्रकारिता के प्रति समर्पण और साहित्यिक अभिव्यक्ति को नई ऊँचाइयों तक पहुँचाने के लिए दी गई है।
समारोह में देशभर के पत्रकार, लेखक, समाजसेवी और शिक्षाविद उपस्थित रहे। संस्था के पदाधिकारियों ने कहा कि अभिषेक बेनर्जी ने सीमित संसाधनों में रहकर जिस प्रकार से लेखनी के माध्यम से समाज में जागरूकता और मूल्यपरक संवाद स्थापित किया है, वह अनुकरणीय है। हिंदी भाषा के प्रचार-प्रसार में उनकी भूमिका उल्लेखनीय रही है।
केंद्रीय मंत्री और सांसदों ने किया सम्मानित
डॉक्टरेट की मानद उपाधि प्राप्त करने के बाद डॉ. अभिषेक बेनर्जी का नई दिल्ली में विशेष अभिनंदन किया गया। उन्हें आवास एवं शहरी मामलों के राज्य मंत्री श्री तोखन लाल साहू, बस्तर सांसद श्री महेश कश्यप एवं कांकेर सांसद श्री भोजराज नाग द्वारा साल और श्रीफल भेंट कर शुभकामनाएं दी गईं।
इस अवसर पर सभी जनप्रतिनिधियों ने डॉ. बेनर्जी को उनके सतत प्रयासों के लिए सराहना दी और भविष्य में भी हिंदी भाषा के संरक्षण और संवर्धन हेतु सक्रिय रहने की शुभकामनाएं दीं।
हिंदी भाषा को समर्पित जीवन का संकल्प
डॉ. अभिषेक बेनर्जी ने इस अवसर पर अपने विचार साझा करते हुए कहा कि, “पंडित दीनदयाल उपाध्याय हिंदी विद्यापीठ जैसी प्रतिष्ठित संस्था द्वारा डॉक्टरेट की मानद उपाधि प्राप्त होना मेरे लिए केवल एक व्यक्तिगत उपलब्धि नहीं, बल्कि एक गहरी सामाजिक जिम्मेदारी है।”
उन्होंने कहा कि यह सम्मान उन्हें इस ओर प्रेरित करता है कि वे आने वाले समय में हिंदी भाषा, भारतीय संस्कृति और मानवीय मूल्यों की सेवा में और अधिक गंभीरता तथा समर्पण के साथ कार्य करें।
गौरव की अनुभूति, जिले के लिए सम्मान की बात
डॉ. अभिषेक बेनर्जी की इस उपलब्धि से पूरे नारायणपुर जिले में उत्साह का वातावरण है। स्थानीय शिक्षकों, छात्रों, साहित्य प्रेमियों और सामाजिक संगठनों ने इसे जिले के लिए गर्व की बात बताया है।
स्थानीय साहित्यकारों ने कहा कि अभिषेक ने यह दिखा दिया कि सीमित संसाधनों और छोटे शहरों से भी यदि लगन और प्रतिभा हो, तो राष्ट्रीय स्तर पर पहचान बनाई जा सकती है।
साहित्यिक यात्रा में नव-ऊर्जा
बताया गया कि डॉ. अभिषेक बेनर्जी पिछले एक दशक से हिंदी पत्रकारिता, बाल साहित्य, सामाजिक लेखन और साहित्यिक आलोचना के क्षेत्र में सक्रिय हैं। उनके लेख विभिन्न राष्ट्रीय समाचार पत्रों, पत्रिकाओं एवं ऑनलाइन मंचों पर प्रकाशित होते रहे हैं।
वे सामाजिक विषयों पर संतुलित दृष्टिकोण, बाल मनोविज्ञान, ग्रामीण समाज और सांस्कृतिक मूल्य आधारित रचनाओं के लिए पहचाने जाते हैं।
संस्था के बारे में जानकारी
पंडित दीनदयाल उपाध्याय हिंदी विद्यापीठ देश की उन अग्रणी संस्थाओं में शामिल है, जो भारतीय भाषाओं के विकास, साहित्यिक सृजन और शोध कार्यों के लिए समर्पित है। यह संस्था समय-समय पर लेखन, शोध, सामाजिक कार्य और भाषा संरक्षण में योगदान देने वाले विद्वानों को डॉक्टरेट की मानद उपाधियाँ प्रदान करती है।
जनजनों तक पहुंचे हिंदी की आवाज – यही है उद्देश्य
डॉ. बेनर्जी ने कहा कि वे आने वाले समय में ग्रामीण क्षेत्रों में हिंदी लेखन को प्रोत्साहित करने के लिए कार्यशालाएं और साहित्यिक आयोजनों की योजना बना रहे हैं, ताकि नई पीढ़ी में भाषा के प्रति रुचि और जागरूकता पैदा हो।
अंत में उन्होंने सभी शुभचिंतकों, साथियों और परिवारजनों के प्रति आभार जताते हुए कहा कि यह सम्मान सिर्फ उनका नहीं, बल्कि उन सभी का है, जिन्होंने हिंदी भाषा के साथ अपना आत्मीय रिश्ता बनाए रखा है।




