विश्व युवा कौशल दिवस पर भाटपाल स्कूल में छात्रों को दी गई तकनीकी ज्ञान की सौगात

टेलीकॉम, कंप्यूटर और नेटवर्किंग जैसी आधुनिक तकनीकों से विद्यार्थियों को कराया अवगत, कौशल विकास की ओर एक मजबूत कदम
नारायणपुर/भाटपाल।
विश्व युवा कौशल दिवस के अवसर पर भाटपाल स्कूल में विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसमें विद्यार्थियों को तकनीकी शिक्षा से जोड़ने और भविष्य के लिए उन्हें तैयार करने पर जोर दिया गया। इस अवसर पर स्कूल के वोकेशनल ट्रेनर चोवालाल देवांगन ने टेलीकॉम (दूरसंचार) विषय के अंतर्गत छात्र-छात्राओं को आधुनिक तकनीकी ज्ञान से परिचित कराया।

कार्यक्रम में टेलीकॉम कोर्स के तहत कंप्यूटर, मोबाइल, लैपटॉप, नेटवर्किंग, 2जी, 3जी, 4जी, 5जी तकनीक एवं ऑप्टिकल फाइबर जैसे जटिल विषयों को बेहद सरल और व्यावहारिक ढंग से समझाया गया। बच्चों ने तकनीकी उपकरणों को नजदीक से देखा और उनके कार्यप्रणाली के बारे में सीखा।
कौशल से होगा युवाओं का सशक्तिकरण
ट्रेनर देवांगन ने विद्यार्थियों को बताया कि आज के युग में तकनीकी जानकारी केवल एक विकल्प नहीं, बल्कि आवश्यकता बन चुकी है। उन्होंने कहा कि ऐसे कौशल युवाओं को न केवल रोजगार के बेहतर अवसर प्रदान करते हैं, बल्कि उन्हें आत्मनिर्भर भी बनाते हैं।
“आज अगर कोई युवा कंप्यूटर, नेटवर्क या मोबाइल रिपेयरिंग जैसे कार्यों में दक्ष हो जाए, तो वह आसानी से खुद का व्यवसाय खड़ा कर सकता है,” — चोवालाल देवांगन
कौशल की कमी युवाओं को कर रही है पीछे
विश्व युवा कौशल दिवस का उद्देश्य केवल ज्ञान देना नहीं, बल्कि यह समझाना भी है कि कैसे कौशल की कमी युवा पीढ़ी को कामकाज से दूर कर रही है। देवांगन ने कहा कि ग्रामीण और आदिवासी क्षेत्रों में आज भी बड़ी संख्या में ऐसे युवा हैं जो शिक्षा प्राप्त करने के बाद भी रोजगार के लिए जूझ रहे हैं, क्योंकि उनके पास व्यावहारिक कौशल का अभाव है।
उन्होंने बच्चों को प्रेरित किया कि वे केवल किताबी ज्ञान तक सीमित न रहें, बल्कि तकनीकी और व्यावसायिक कौशल में भी दक्षता हासिल करें।
तेजी से बदलती दुनिया में जरूरी है कौशल
कार्यक्रम में इस बात पर भी विशेष जोर दिया गया कि आज के दौर में दुनिया बेहद तेजी से बदल रही है, और इसके साथ कदम से कदम मिलाकर चलने के लिए युवाओं को नए जमाने की तकनीकें सीखनी होंगी।
“आज के विद्यार्थी कल के लीडर हैं। यदि वे अभी से कौशल विकास की दिशा में गंभीरता से प्रयास करेंगे, तो भविष्य में वे समाज, देश और खुद के लिए उदाहरण बन सकते हैं,” — स्कूल प्राचार्य
छात्र-छात्राओं ने दिखाई गहरी रुचि
कार्यक्रम के दौरान छात्र-छात्राओं ने तकनीकी जानकारी में गहरी रुचि दिखाई। उन्होंने नेटवर्किंग की मूलभूत अवधारणाओं को समझा और ऑप्टिकल फाइबर के कार्य करने के तरीके के बारे में भी सीखा। छात्रों ने सवाल भी पूछे जिनका उत्तर ट्रेनर ने सरल भाषा में दिया।
छात्रा सोनल साहू ने बताया कि उसे अब पहली बार समझ में आया कि मोबाइल नेटवर्क कैसे काम करता है। वहीं छात्र राजू नेताम ने कहा कि उसे कंप्यूटर और मोबाइल रिपेयरिंग में आगे सीखने की इच्छा है।
प्रशासन और शिक्षा विभाग से भी पहल की जरूरत
ट्रेनर ने यह भी कहा कि अगर शिक्षा विभाग और प्रशासन चाहें, तो ऐसे वोकेशनल कोर्स को हर स्कूल में लागू किया जा सकता है। इससे स्थानीय स्तर पर रोजगार की स्थिति सुधरेगी और बड़ी संख्या में युवा आत्मनिर्भर बन सकेंगे।
कौशल है विकास की कुंजी
विश्व युवा कौशल दिवस का यह आयोजन न केवल एक दिन का कार्यक्रम बनकर रह गया, बल्कि इसने यह संदेश दिया कि कौशल विकास ही युवा पीढ़ी को आत्मनिर्भर भारत की दिशा में ले जाने की असली कुंजी है। भाटपाल जैसे सुदूर इलाके में ऐसी पहलें समाज के हर वर्ग को विकास की मुख्यधारा से जोड़ने का माध्यम बन सकती हैं।




