“फख्र-ए-मिल्लत अवार्ड” से रोशन हुए नारायणपुर के सितारे

ज़िक्र-ए-शोहदा-ए-कर्बला की रूहानी महफ़िल में दीनी, तहज़ीबी और सामाजिक एकता की मिसाल…
नारायणपुर, 9 जुलाई।
अंजुमन इस्लामिया कमेटी नारायणपुर के बैनर तले मंगलवार शाम ज़िक्र-ए-शोहदा-ए-कर्बला की याद में एक रूहानी और प्रेरणादायक महफ़िल का आयोजन किया गया। इस अवसर पर “फख्र-ए-मिल्लत अवार्ड” से उन प्रतिभाओं को नवाज़ा गया, जिन्होंने अपने-अपने क्षेत्रों में उल्लेखनीय योगदान देकर जिले और प्रदेश को गौरवान्वित किया।
✨ सम्मानित हुए शहर के सितारे
इस रौशन शाम का सबसे खास पल रहा “फख्र-ए-मिल्लत अवार्ड” का वितरण, जिसमें समाज के कला, खेल, शिक्षा, स्वास्थ्य और वकालत जैसे क्षेत्रों की चुनिंदा हस्तियों को उनके योगदान के लिए सम्मानित किया गया:
🔹 अज़मत फरीदी (IGT विजेता, मल्लखंब) – सम्मान पद्मश्री पंडीराम मंडावी
🔹 यश कुमार वरदा (क्रिकेट) – सम्मान मोहम्मद हुसैन साहब
🔹 कारी फरहान कुरैशी (जामिअतुर रज़ा, बरेली शरीफ) – सम्मान सदाराम ठाकुर
🔹 धनसिंह बघेल (स्वास्थ्य सेवा) – सम्मान तौकीर अहमद
🔹 शादान फारूकी (वकालत) – सम्मान रूपसाय सलाम
🔹 खुशबू नाग (वेटलिफ्टिंग एवं बॉडी बिल्डिंग) – सम्मान मोहम्मद इमरान खान
इस दौरान सदर मोहम्मद इमरान खान ने कहा, “यह पुरस्कार न सिर्फ सम्मान है, बल्कि नई पीढ़ी के लिए प्रेरणा का पैग़ाम भी है।”
🌙 रूहानी रंग में रंगी महफ़िल
लखनऊ से पधारे मुफ़्ती शेर मोहम्मद साहब किबला ने अपने पुरअसर तक़रीर में कर्बला के दर्दनाक वाकये को दिल की गहराई से बयान करते हुए कहा, “कर्बला हिम्मत, सब्र और हक़ की बुलंदी का पैग़ाम है।” उनकी बातों ने पूरे माहौल को भावुक और रूहानी बना दिया।
🕌 मंच पर सजे सम्मान और तहज़ीब के फूल
कार्यक्रम में मुख्य अतिथियों का दस्तारबंदी और इस्तेकबाल के फूलों से भव्य स्वागत किया गया। मंच पर मौजूद प्रमुख व्यक्तित्वों में —
पद्मश्री पंडीराम मंडावी, सर्व आदिवासी समाज के रूपसाय सलाम, सदानंद ठाकुर, महेश नाग, धनसिंह बघेल, गोपाल कुलदीप, रामसिंह वरदा प्रमुख रहे।
इनका स्वागत मोहम्मद इमरान खान, सय्यद अख्तर अली, इल्यास भाई, यूसुफ सर, ए.के. फरीदी, इकबाल कुरैशी व आसिफ मेमन ने किया।
📖 शहर का फख्र: कारी फरहान कुरैशी
कारी फरहान कुरैशी की उपलब्धि पर भी विशेष प्रकाश डाला गया। उन्हें देश की मशहूर इस्लामिक यूनिवर्सिटी जामिअतुर रज़ा, बरेली शरीफ में चयनित किया गया है — यह उपलब्धि पूरे नारायणपुर के लिए गौरव का विषय बनी।
🎶 नातख़्वानी से झूम उठा माहौल
हाजी हाफिज़ शरीफ साहब और साथियों द्वारा पेश की गई नातें और कलाम ने श्रोताओं के दिलों को छू लिया। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में उलेमा, सामाजिक कार्यकर्ता, इमाम, मुस्लिम समाज की महिला एवं पुरुष और गणमान्य नागरिक शामिल रहे।

“फख्र-ए-मिल्लत अवार्ड” पाते हुए प्रतिभागी एवं मंच पर मौजूद अतिथि। कर्बला की याद में सजी महफ़िल में दिखी तहज़ीब और एकता की झलक।




