गरांजी में विश्व बाल श्रम निषेध दिवस पर विधिक साक्षरता शिविर आयोजित

नारायणपुर, 12 जून 2025 // विश्व बाल श्रम निषेध दिवस के अवसर पर 12 जून 2025 को नारायणपुर जिले के ग्राम गरांजी में विधिक साक्षरता शिविर का आयोजन किया गया। यह शिविर जिला विधिक सेवा प्राधिकरण कोंडागांव के अध्यक्ष एवं माननीय प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश श्रीमती किरण चतुर्वेदी के निर्देश पर आयोजित किया गया।
कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्र में बाल अधिकारों की रक्षा, बाल श्रम के विरुद्ध जागरूकता और शिक्षा के अधिकार से जुड़ी संवैधानिक एवं कानूनी जानकारी लोगों तक पहुंचाना था।
संविधान के अनुच्छेदों पर दी गई जानकारी
शिविर में चंद्र प्रकाश कश्यप, रिटेनर अधिवक्ता द्वारा बाल श्रम निषेध से संबंधित भारतीय संविधान के अनुच्छेद 23 और 24 की व्याख्या करते हुए बताया गया कि 14 वर्ष से कम आयु के बच्चों से खतरनाक कार्य कराना प्रतिबंधित है। इसके अतिरिक्त उन्होंने अनुच्छेद 21(क) के तहत 6 से 14 वर्ष के बच्चों के लिए नि:शुल्क और अनिवार्य शिक्षा के अधिकार तथा अनुच्छेद 51(क) में वर्णित पालकों के कर्तव्यों की जानकारी दी।
उन्होंने कहा कि हर नागरिक का कर्तव्य है कि वह बच्चों को शिक्षा के अवसर उपलब्ध कराए और बाल श्रम जैसे अपराध को बढ़ावा न दे।
विधिक सेवा प्राधिकरण की योजनाएं भी बताई गईं
कार्यक्रम में पी.एल.वी. घासीराम द्वारा तालुका विधिक सेवा समिति एवं जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के कार्यों, नि:शुल्क विधिक सहायता, लोक अदालतों, और पीड़ित सहायता योजनाओं के बारे में जानकारी दी गई।
जागरूकता बढ़ाने की पहल
इस शिविर में बड़ी संख्या में ग्रामवासियों, अभिभावकों और स्कूली बच्चों ने भाग लिया और बाल श्रम के दुष्परिणामों तथा बच्चों के अधिकारों की विस्तृत जानकारी प्राप्त की। कार्यक्रम के अंत में लोगों को बाल श्रम रोकने और शिक्षा को प्रोत्साहित करने की शपथ भी दिलाई गई।
यह शिविर ग्रामीण क्षेत्र में बाल सुरक्षा और शिक्षा के अधिकार के प्रति जागरूकता फैलाने का महत्वपूर्ण प्रयास रहा, जिससे भविष्य में बाल श्रम के उन्मूलन और बाल कल्याण के लक्ष्यों को हासिल करने में मदद मिलेगी।
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(नारायणपुर ब्यूरो)



