कलेक्टर प्रतिष्ठा ममगाईं ने कलेक्टोरेट सभाकक्ष में शालाओं और शिक्षकों के युक्तियुक्तकरण के संबंध में आयोजित की प्रेस वार्ता

नारायणपुर, 6 जून 2025 – कलेक्टर प्रतिष्ठा ममगाईं ने आज कलेक्टोरेट सभाकक्ष में शालाओं और शिक्षकों के युक्तियुक्तकरण के संबंध में आयोजित प्रेस वार्ता में बताया कि राज्य सरकार द्वारा यह कदम शिक्षा व्यवस्था को बेहतर और समावेशी बनाने के उद्देश्य से उठाया गया है।
युक्तियुक्तकरण से शिक्षा व्यवस्था में सुधार…
कलेक्टर ममगाईं ने कहा कि नगरीय क्षेत्रों में छात्रों की तुलना में अधिक शिक्षक पदस्थ हैं, जबकि ग्रामीण और दुर्गम अंचलों की शालाओं में शिक्षकों की कमी है, जिससे शैक्षिक गतिविधियाँ प्रभावित हो रही हैं। इस स्थिति को सुधारने के लिए प्रदेश सरकार ने युक्तियुक्तकरण का निर्णय लिया है, ताकि जहाँ शिक्षकों की आवश्यकता है, वहाँ उन्हें उपलब्ध कराया जा सके।
जिले में 132 शिक्षकों का युक्तियुक्तकरण…
जिला शिक्षा अधिकारी रमेश कुमार निषाद ने बताया कि नारायणपुर जिले में कुल 132 शिक्षकों का युक्तियुक्तकरण किया गया है, जिसमें हायर सेकेंडरी स्कूल में 1 व्याख्याता, पूर्व माध्यमिक शालाओं में 49 शिक्षक, प्राथमिक शालाओं में 10 प्रधान पाठक और 72 सहायक शिक्षक शामिल हैं। इसके अतिरिक्त, जिले की 14 प्राथमिक शालाएँ जो पहले शिक्षक विहीन थीं, अब शिक्षकों से सुसज्जित हैं।
सोनाय नेताम को मिली मनचाही पदस्थापना…

शासकीय प्राथमिक शाला जड्डा में प्रधान अध्यापक सोनाय नेताम को उनकी स्वेच्छा से पदस्थापित किया गया है। यह विद्यालय नारायणपुर जिला मुख्यालय से लगभग 50-55 किलोमीटर दूर अबूझमाड़ क्षेत्र में स्थित है। नेताम ने कहा कि युक्तियुक्तकरण के इस फैसले से उन्हें गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देने का अवसर मिलेगा, जिससे बच्चों का सर्वांगीण विकास संभव होगा।
✅ निष्कर्ष
युक्तियुक्तकरण के इस कदम से जिले की शैक्षिक व्यवस्था में संतुलन स्थापित होगा, शिक्षकों की उपलब्धता सुनिश्चित होगी और बच्चों को बेहतर शिक्षा मिल सकेगी। यह पहल शिक्षा के अधिकार अधिनियम-2009 और राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के दिशा-निर्देशों के अनुरूप है, जो शिक्षा के क्षेत्र में सुधार की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है।




