नारायणपुर

अबूझमाड़ की घाटियों में गूंजी उम्मीद की आवाज़

दिव्यांग बालक की मधुर तान ने छेड़ी दिलों की सरगम, सोशल मीडिया पर वायरल हुआ वीडियो…

नारायणपुर (छत्तीसगढ़)। अबूझमाड़ की गहराइयों में बसे फूलमेटा गांव की सुबह अब नए साज पर खिलती है। वहां की घाटियों में आजकल एक ऐसी आवाज़ गूंज रही है, जो न केवल सुर में है, बल्कि जीवन के संघर्ष की मिसाल भी है।

यह आवाज़ है ग्राम कोड़ोली पंचायत के सरपंच राजू बेंजाम के दिव्यांग पुत्र की, जिसने अपनी मधुर गायकी से न केवल गाँव को, बल्कि पूरे बस्तर अंचल को झंकृत कर दिया है।

जहाँ एक ओर समाज अक्सर दिव्यांगता को कमजोरी समझ बैठता है, वहीं यह बालक अपनी विलक्षण प्रतिभा से हर परिभाषा को पीछे छोड़ रहा है। मंच पर जब वह अपने स्वरों की सरगम बिखेरता है, तो ग्रामीणों की आंखें नम हो उठती हैं, और तालियों से पूरा मैदान गूंज उठता है।

गाँव के बुजुर्ग कहते हैं—

“इसकी आवाज़ में जैसे अबूझमाड़ की आत्मा बोलती है।”

सोशल मीडिया पर धूम
इस बालक का एक गायन वीडियो इन दिनों सोशल मीडिया पर वायरल हो चुका है। हजारों लोग उसकी गायकी की तारीफ कर रहे हैं, और कई सामाजिक संगठन उसके लिए मंच उपलब्ध कराने की बात कर रहे हैं।

प्रशंसा में आगे आए मंत्री केदार कश्यप
छत्तीसगढ़ सरकार के वन मंत्री एवं नारायणपुर विधायक केदार कश्यप भी इस प्रेरणादायक बालक की प्रतिभा से प्रभावित हुए बिना नहीं रह सके।

उन्होंने कहा—

“यह बालक साबित करता है कि सच्ची शक्ति मन में होती है, शरीर में नहीं। मैं इसे बस्तर की आवाज़ मानता हूँ और इसकी प्रतिभा को आगे बढ़ाने हर संभव मदद करूंगा।”

प्रेरणा बना कोड़ोली का बेटा
आज कोड़ोली और आसपास के गाँवों में यह बालक नायक की तरह देखा जाता है। उसकी मुस्कान, उसकी गायकी और उसका आत्मविश्वास हर युवा के लिए संदेश है—
“संघर्ष चाहे जितना हो, सुर कभी नहीं रुकते।”

स्थानीय निवासियों की मांग है कि शासन इस प्रतिभा को राज्यस्तरीय मंच प्रदान करे, ताकि यह आवाज़ बस्तर से निकलकर पूरे देश तक पहुंच सके।

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