नक्सलियों के लगाए आईईडी के चपेट में आकर एक ग्रामीण की मौत, दूसरा गंभीर रूप से घायल

नक्सलियों के लगाए आईईडी के चपेट में आकर एक ग्रामीण की मौत, दूसरा गंभीर रूप से घायल…
नारायणपुर, 4 अप्रैल 2025 – नारायणपुर जिले के जड्डा और मरकुड गांव के बीच एक पगडंडी रास्ते पर नक्सलियों द्वारा लगाए गए प्रेशर आईईडी (इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस) के विस्फोट में एक ग्रामीण की मौत हो गई और दूसरा गंभीर रूप से घायल हो गया। घटना में मृतक और घायल दोनों ही ग्राम कानागांव के निवासी हैं।
घटना के अनुसार, दोनों ग्रामीण – राजेश उसेण्डी (25 वर्ष) और रामलाल कोर्राम (25 वर्ष) – जंगल में फूल झाड़ू तोड़ने के लिए गए थे, जब यह दुखद घटना घटी। अचानक नक्सलियों द्वारा लगाए गए प्रेशर आईईडी में विस्फोट हुआ, जिससे राजेश उसेण्डी के दोनों पैर में गंभीर चोटें आईं और वह मौके पर ही दम तोड़ गए। वहीं, रामलाल कोर्राम को भी गले, मुंह और शरीर के अन्य हिस्सों में चोटें आईं। उसे प्राथमिक उपचार के बाद नारायणपुर अस्पताल लाया जा रहा है, जहां उसे बेहतर इलाज दिया जाएगा।
नक्सली गतिविधियों में वृद्धि और ग्रामीणों की सुरक्षा पर खतरा
यह घटना नक्सलियों की बौखलाहट को दर्शाती है, जो सुरक्षा बलों को नुकसान पहुँचाने के लिए ऐसे जघन्य हमलों का सहारा ले रहे हैं। यह न केवल सुरक्षा बलों, बल्कि स्थानीय आदिवासी समुदाय के लिए भी खतरे की घंटी बन चुकी है। इससे पहले भी इस तरह की घटनाएं सामने आई हैं, जैसे कि ओरछा क्षेत्र के कुरुषनार में एक और ग्रामीण की मौत हुई थी।
नक्सलियों द्वारा इन आईईडी हमलों को लगातार बढ़ाना, आदिवासी विरोधी गतिविधियों को चिह्नित करता है, जिससे इन समुदायों के बीच असुरक्षा का माहौल बन रहा है। वहीं, नारायणपुर पुलिस ने इस प्रकार के हमलों को रोकने के लिए सक्रिय रूप से आईईडी डिटेक्शन और सर्चिंग अभियान चलाने का निर्णय लिया है। इस साल अब तक नारायणपुर पुलिस ने 15 से अधिक आईईडी बरामद किए हैं।
पुलिस द्वारा सुरक्षा उपाय और ग्रामीणों से अपील
नारायणपुर पुलिस अधीक्षक प्रभात कुमार (भा.पु.से.) ने इन घटनाओं के बाद क्षेत्र के ग्रामीणों से अपील की है कि यदि उन्हें किसी स्थान पर आईईडी के बारे में जानकारी मिले, तो वे तुरंत पुलिस को सूचित करें। इससे न केवल सुरक्षा बलों और स्थानीय लोगों की जान बचाई जा सकती है, बल्कि विकास कार्यों में लगे कर्मचारियों, शासकीय सेवकों और वन्य प्राणियों की सुरक्षा भी सुनिश्चित की जा सकेगी।
नारायणपुर पुलिस ने सुरक्षा मानकों का पालन करते हुए लगातार आईईडी डिटेक्शन और सर्चिंग अभियान जारी रखने का संकल्प लिया है। इससे पहले पुलिस ने कई ऑपरेशनों के दौरान नक्सलियों के आईईडी नेटवर्क को भी नष्ट किया है, जिससे आने वाले समय में ऐसे हमलों के खतरे को कम किया जा सकेगा।
नक्सलियों के इस प्रकार के हमलों से न केवल सुरक्षा बलों को नुकसान पहुँचता है, बल्कि इससे स्थानीय आदिवासी समुदाय भी अत्यधिक प्रभावित होता है। ऐसे में पुलिस और स्थानीय प्रशासन की जिम्मेदारी और भी बढ़ जाती है कि वे इस खतरे से निपटने के लिए हर संभव कदम उठाएं।
नक्सलियों द्वारा ग्रामीणों को निशाना बनाना उनकी बौखलाहट का संकेत है। पुलिस और सुरक्षा बलों के निरंतर प्रयासों के बावजूद, यह खतरा लगातार बना हुआ है। इस कठिन समय में स्थानीय समुदाय और सुरक्षा बलों का सहयोग बेहद महत्वपूर्ण है, ताकि इस तरह की घटनाओं को रोका जा सके और लोगों की जान की रक्षा की जा सके।




