छत्तीसगढ़

बस्तर पंडुम 2025: आदिवासी संस्कृति की झलक, कोहकामेटा में हुआ महोत्सव

बस्तर पंडुम 2025: आदिवासी संस्कृति की झलक, कोहकामेटा में हुआ महोत्सव…

नारायणपुर: आदिवासी संस्कृति को संजोने और संरक्षित करने के उद्देश्य से नारायणपुर जिले के अबूझमाड़ कोहकामेटा में बस्तर पंडुम 2025 का महोत्सव हुआ। माता जुंगे डोकरी की सेवा-अर्चना के साथ शुरू हुआ यह महोत्सव आदिवासी समाज की प्राचीन परंपराओं और समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर को प्रदर्शित करने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है।

कार्यक्रम में उपस्थित जिला पंचायत अध्यक्ष श्री नारायण मरकाम ने कहा कि बस्तर पंडुम आदिवासी कला और संस्कृति के संरक्षण का एक महत्वपूर्ण प्रयास है। उन्होंने आदिवासी समाज के मुखिया, अनुभवी कलाकारों और ग्रामीण स्तर पर चिकित्सा करने वाले वेदराजों का सम्मान किया और कहा कि आधुनिकता के इस दौर में पारंपरिक संस्कृति को संरक्षित करना हमारी जिम्मेदारी है।

महोत्सव के दौरान आदिवासी नृत्य, गीत-नाट्य और पारंपरिक वाद्य यंत्रों की प्रतियोगिताएं आयोजित की गईं। इसके अलावा पारंपरिक वेशभूषा, आभूषण, शिल्प, चित्रकला और जनजातीय व्यंजनों की प्रदर्शनी भी लगाई गई, जिसमें आदिवासी जीवनशैली की विविधताएं देखने को मिलीं।

बस्तर पंडुम के तहत जनपद, जिला और संभाग स्तर पर प्रतियोगिताएं आयोजित की जाएंगी। इन प्रतियोगिताओं में विजेताओं को प्रोत्साहन राशि और यात्रा व्यय प्रदान किया जाएगा। जनपद स्तरीय प्रतियोगिता के विजेताओं को 10,000 रुपये, जिला स्तरीय प्रतियोगिता के प्रथम विजेता को 20,000 रुपये, और संभाग स्तरीय प्रतियोगिता के विजेता को 50,000 रुपये की प्रोत्साहन राशि दी जाएगी।

महोत्सव का अगला चरण आज 18 मार्च 2025 को बेनूर और ओरछा मुख्यालय में आयोजित होगा।

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