नक्सली संगठन से आत्मसमर्पण करने वाले माओवादी ने शासन की नक्सल उन्मूलन नीति को सराहा

नारायणपुर, 25 दिसंबर 2024: जिले में नक्सल उन्मूलन के प्रति शासन की ठोस नीति और ‘‘नियद नेल्ला नार’’ योजना का असर देखने को मिला है, जब एक माओवादी नेता ने आत्मसमर्पण किया। यह माओवादी, जो कि कुतुल एरिया कमेटी के तहत गुमरका जनताना सरकार के उपाध्यक्ष रहे, ने 25 दिसंबर को पुलिस अधीक्षक कार्यालय में पुलिस अधीक्षक प्रभात कुमार (भा.पु.से.) के सामने आत्मसमर्पण किया। आत्मसमर्पित माओवादी, साधू उर्फ सांदू उर्फ चांदू गोटा (33 वर्ष), जो पिछले 8 वर्षों से माओवादी संगठन का हिस्सा थे, ने अपने संगठन की खोखली विचारधारा और शोषण से तंग आकर यह कदम उठाया।

साधू गोटा ने 2016 में माओवादी संगठन में शामिल होकर थाना ओरछा, गीदम, और बारसूर क्षेत्रों में कई नक्सली गतिविधियों में भाग लिया था। आत्मसमर्पण के बाद, उन्हें शासन की नक्सल उन्मूलन नीति के तहत ₹25,000 की प्रोत्साहन राशि प्रदान की गई।
नारायणपुर पुलिस द्वारा लगातार चलाए जा रहे नक्सल विरोधी अभियानों और क्षेत्र में नए पुलिस कैम्पों की स्थापना से नक्सलियों में भय का माहौल बना हुआ है। इस कारण अब बड़ी संख्या में नक्सली संगठन छोड़कर समाज की मुख्यधारा से जुड़ने के लिए प्रेरित हो रहे हैं। पुलिस अधीक्षक ने नक्सलियों से अपील की है कि वे भयमुक्त होकर आत्मसमर्पण करें और शासन की पुनर्वास योजना का लाभ उठाकर नये जीवन की शुरुआत करें।
नक्सलियों द्वारा क्षेत्र के युवाओं को जबरन संगठन में शामिल करने और उन्हें शासन-प्रशासन के खिलाफ भड़काने के बावजूद, नारायणपुर पुलिस का ‘माड़ बचाव अभियान’ लगातार नक्सल मुक्त बस्तर के सपने को साकार करने की दिशा में आगे बढ़ रहा है।
आत्मसमर्पण की इस प्रक्रिया में विशेष रूप से एस.आई.बी. का योगदान महत्वपूर्ण रहा है, जिससे नक्सलियों के खिलाफ मजबूत कार्रवाई की जा रही है। भविष्य में और भी नक्सलियों के आत्मसमर्पण करने की संभावना जताई जा रही है।
यह घटनाक्रम शासन की नक्सल उन्मूलन नीति के सफल क्रियान्वयन और क्षेत्र में शांति स्थापित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।




