नारायणपुर

नक्सली संगठन से महिला का आत्मसमर्पण, शासन की नक्सल उन्मूलन नीति से प्रेरित

नारायणपुर, 19 नवम्बर 2024// शासन की नक्सल उन्मूलन नीति और ‘‘नियद नेल्ला नार’’ योजना से प्रेरित होकर एवं माओवादियों की खोखली विचारधारा और शोषण से तंग आकर एक महिला नक्सली ने आत्मसमर्पण किया है। यह घटना 18 नवम्बर 2024 को पुलिस अधीक्षक कार्यालय में हुई, जहां परतापुर एरिया मेढ़की एलओएस पार्टी की सदस्य रही महिला नक्सली कु. आयते नुरेटी उर्फ नंदनी ने बिना हथियार के पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण किया।

आत्मसमर्पित महिला नक्सली कु. आयते नुरेटी, जो ग्राम बिनागुण्डा, थाना छोटेबेठिया, जिला कांकेर की निवासी हैं, विगत 4 वर्षों से माओवादी संगठन में शामिल थीं। उन्होंने थाना सोनुपर, छोटेबेठिया और कोयलीबेड़ा क्षेत्र में कई नक्सली गतिविधियों में भाग लिया था। आत्मसमर्पण के समय उन्हें शासन की नक्सल उन्मूलन नीति के तहत 25,000 रुपये की प्रोत्साहन राशि प्रदान की गई।

नक्सल विरोधी अभियान का प्रभाव
पुलिस और सुरक्षा बलों द्वारा चलाए जा रहे नक्सल विरोधी अभियानों और शासन की योजनाओं के प्रभाव से नक्सलियों में भय का माहौल है। क्षेत्र में नए पुलिस कैंपों की स्थापना और लगातार हो रही कार्रवाइयों के चलते बड़ी संख्या में नक्सली संगठन छोड़कर समाज की मुख्य धारा में जुड़ने के लिए प्रेरित हो रहे हैं।

नारायणपुर पुलिस के लगातार नक्सल विरोधी अभियान और छत्तीसगढ़ शासन की ‘‘नक्सल उन्मूलन नीति’’ के प्रभाव से नक्सली संगठन में बिखराव हो रहा है। इस वर्ष अब तक 46 बड़े और मध्यम स्तर के नक्सली मुठभेड़ में मारे गए हैं, जिनमें एसजेडसी, कम्पनी नंबर 01, 06 और एरिया कमेटी के सदस्य शामिल हैं। पुलिस अधीक्षक श्री प्रभात कुमार ने अपील की है कि नक्सलियों के स्थानीय कैडर आत्मसमर्पण करें और शासन की पुनर्वास योजना का लाभ उठाएं।

आत्मसमर्पण का कारण
आत्मसमर्पित महिला नक्सली ने बताया कि वह माओवादियों की विचारधारा और उनके शोषण से तंग आ चुकी थीं। क्षेत्र में पुलिस कैंपों के खुलने और लगातार नक्सल विरोधी अभियानों के चलते ग्रामीणों में पुलिस के प्रति विश्वास बढ़ा है। इसके अलावा, नक्सलियों के उत्पीड़न और धमकियों से मुक्त होकर अब वह समाज की मुख्य धारा से जुड़ना चाहती हैं।

समाज की मुख्य धारा में पुनः शामिल होने का संदेश
पुलिस अधीक्षक प्रभात कुमार ने नक्सलियों से अपील की है कि वे डर के बजाय आत्मसमर्पण करें और समाज के मुख्य धारा से जुड़ने के लिए शासन की पुनर्वास योजना का लाभ लें। उनका कहना था कि आत्मसमर्पण करने वालों को शासन सभी प्रकार की सुविधाएं प्रदान करेगा और उनका समाज में पुनः स्वागत किया जाएगा।

आने वाले दिनों में और भी आत्मसमर्पण की उम्मीद
पुलिस सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, आने वाले समय में और भी नक्सली संगठन छोड़कर आत्मसमर्पण कर सकते हैं, क्योंकि क्षेत्र में नक्सल विरोधी अभियानों का असर और शासन की योजनाओं का प्रचार-प्रसार लगातार जारी है।

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